JNVU के चेयरमैन ने बेची हजारों फर्जी डिग्रियां, पढ़ें पूरी पिपोर्ट

जोधपुर। जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के चेयरमैन कमल मेहता ने हजारों फर्जी डिग्रियां बेची तो अब और खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में प. बंगाल और बिहार से लोगों ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से जोधपुर की डिग्रियों का वेरिफिकेशन कराया तो बीएड की दो दर्जन डिग्रियां फर्जी निकली। ये डिग्रियां भी मेहता के मारवाड़ बीएड कॉलेज से जारी होना बताया जा रहा है। डिग्री के साथ एफिलिएशन का जो सर्टिफिकेट लगा हुआ है, वह मेहता की कॉलेज का है। हैरत की बात तो यह है कि जेएनवीयू से ये जानकारियां पहले भी मांगी गई थीं, लेकिन विवि ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। फर्जी डिग्रियों का मामला बढ़ा तो जेएनवीयू प्रशासन की ओर से शास्त्री नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस जांच कर रही है।
चिंता न करें, जेएनवीयू की डिग्री असली ही हैं
 
हेराफेरी कर बनाया सर्टिफिकेट: बीएड का सर्टिफिकेट मारवाड़ बीएड कॉलेज के नाम का है। इस पर पता खारड़ा रणधीर, मंडलनाथ चौराहा लिखा है जहां मारवाड़ शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान चलता है, उस कॉलेज का नाम मारवाड़ बीएड कॉलेज नहीं है। यह नाम खारड़ा भांडू में कमल मेहता की बीएड कॉलेज का नाम है। सर्टिफिकेट पर प्रिंसिपल की जो सील लगी है, उसमें पता खारड़ा, बाड़मेर हाई-वे लिखा हुआ है जो मेहता की कॉलेज का ही पता है और मेल एड्रेस लिखा है वह भी मेहता की कॉलेज का है।
 
मार्कशीट बना तो ली लेकिन ये कमियां छोड़ दीं
सवा साल से दिख रहे घपले, मुकदमा अब
 
जेएनवीयू में मार्कशीट्स वेरिफिकेशन के लिए आती हैं। सही हाेने पर वेरीफाई करके और फर्जी होने पर इसकी सूचना के साथ जानकारी दे दी जाती है। इन फर्जी मार्कशीट्स का खुलासा तब हुआ जब एक आरटीआई कार्यकर्ता ट्रोय चक्रबर्ती ने एक दर्जन बीएड की मार्कशीट जांच के लिए भेजी। सभी जाली थीं। घटना 2 सितंबर, 2013 की है। इसके बाद आधा दर्जन लोगों ने आरटीआई के जरिए बीएड की मार्कशीट जांच के लिए भेजी तो जेएनवीयू प्रशासन चौकन्ना हुआ। इसी बीच जेएनयू का मामला खुला तो विवि प्रशासन ने 15 माह बाद पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया। शास्त्री नगर थाने के एसआई गणपतसिंह ने बताया कि सभी आरटीआई वेस्ट बंगाल से आई है। संभवत: किसी गिरोह ने फर्जी मार्कशीट बनाकर बेची है। जेएनवीयू प्रशासन व मारवाड़ बीएड कॉलेज से पूछताछ की जाएगी। (सिटी फ्रंट पेज भी पढ़ें)
 
रद्दी से बरामद कॉपियों की मार्कशीटें कमल मेहता के रिकाॅर्ड में मिलीं
 
रिमांड पर एसओजी ने जुटाए सबूत  
 
मेहता के घर से दो आंसर शीट जब्त की, जो जांची नहीं थी। 
कबाड़ी के गोदाम से करीब एक हजार आंसर शीट जब्त की। 
पेरा इंफोटेक से हजारों फर्जी मार्कशीट्स का रिकॉर्ड जब्त। 
फर्जी मार्कशीट वेरिफिकेशन के फाॅर्म भी जब्त किए। 
मेहता के हस्ताक्षर लिए, एग्रीमेंट व बैंक रिकॉर्ड से मिलाएंगे। 

16 दिन रिमांड पर रख सकती है एसओजी

8 जनवरी को गिरफ्तार मेहता को 12 दिन बाद 18 को कोर्ट में पेश करेंगे। कानूनन 24 घंटे पुलिस के होते हैं, फिर कोर्ट में पेश कर रिमांड लेते हैं और 15 दिन का रिमांड एसओजी कोर्ट से ले सकती है। इस तरह मेहता 16 दिन रिमांड पर रख सकते हैं।

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