​बाड़मेर। बीजेपी में फिर ठिकाना ढूंढ रहे हैं। जसवंत सिंह


  


नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी से बगावत करने के बाद पार्टी से बाहर हुए बीजेपी के पूर्व नेता जसवंत सिंह ने आज बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के मुलाकात की। जसवंत और आडवाणी की मुलाकात के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। ऐसा माना जा रहा है कि जसवंत सिंह एक बार फिर बीजेपी में अपना ठिकाना ढूंढ रहे हैं।

पूर्व बीजेपी नेता जसवंत सिंह ने आज सुबह करीब 11 बजे लालकृष्ण आडवाणी से जाकर मुलाकात की। कुछ देर चली मुलाकात के बाद ऐसी चर्चाएं होने लगीं कि जसवंत सिंह पार्टी में वापसी करना चाहते हैं। लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जबरदस्तग जीत के बाद जसवंत सिंह की इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में जसवंत सिंह अपने पसंदीदा सीट बाड़मेर से ही चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी इसको तैयार नहीं थी। इसको लेकर जसवंत सिंह ने पार्टी से बगावत कर दी थी। बाड़मेर से जसवंत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़े और हार गए।
 
बाड़मेर।  लोकसभा चुनाव में कर्नल सोनाराम चौधरी के सामने करारी हार का मुह देख चुके और लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी से निष्कासित हुए पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह पार्टी में फिर वापस आना चाहते हैं। सूत्रों की मानें तो बीजेपी में वापसी की संभावनों को तलाशने के क्रम में वह शुक्रवार को पार्टी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी से मिले। हालांकि, उन दोनों के बीच क्या बातचीत हुई यह अब तक साफ नहीं हो पाया है।

लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जबरदस्‍त जीत के बाद जसवंत सिंह की इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वह बीजेपी में अपनी वापसी की राह तलाश रहे हैं, जबकि कुछ सूत्रों का दावा है कि वह अपने विधायक बेटे मानवेंद्र की बीजेपी में वापसी चाहते हैं। जसवंत सिंह के बाड़मेर से निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण मानवेंद्र को भी बीजेपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।

बाड़मेर। बाड़मेर जैसलमेर  सीट से निर्दलीय उम्मीदवार जसवंत बीजेपी उम्मीदवार कर्नल सोनाराम से चुनाव हार गए थे। चुनाव के पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सोनाराम ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह को 87,000 वोटों से भी ज्यादा के अंतर से हराया था।

हालांकि, चुनाव के बाद जसवंत सिंह ने कहा था कि अब वह निमंत्रण मिलने पर भी पार्टी में वापस नहीं आएंगे। उस समय भी जसवंत ने कहा था कि वह मानवेंद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई से वह आहत हैं। उन्होंने मानवेंद्र का बचाव करते हुए कहा कि वह हमारे चुनाव प्रचार में कभी नहीं गया, लेकिन उसे परेशान किया जा रहा है। यह उचित नहीं है।


आरएसएस विचारक एम. जी. वैध का कहना है कि अगर जसवंतसिंह इतना सब कुछ होने के बाद भी अब बीजेपी में वापिस आना चाहते है, यह जसवंतसिंह को सोचना है, और वापिस बीजेपी में लेने का फ़ैसला भाजपा को करना है. 

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