जालोर। डोडा के जाल में जिन्दगी की डोर!


जालोर। पश्चिमी राजस्थान में "रियाण"(शादी, त्योहार या उत्सव पर अफीम व डोडा-पोस्त कीमनुहार) की परम्परा युवा पीढ़ी पर भी कुप्रभाव डाल रही है। ऎसे में पुरानी पीढ़ी के साथ-साथ युवा वर्ग भी अफीम व डोडा-पोस्त के नशे के आदी हो रहे हैं। तस्करी से पहुंचने वाली अफीम व डोडा-पोस्त पर पुलिस की सख्ती से अब नशेडियों की हालत पतली होने लगी है। ऎसे में अब अफीम व डोडा-पोस्त के नशेड़ी आबकारी विभाग की अधिकृत दुकानों पर डोडा-पोस्त के लिए कतारों में खड़े होकर तलब पूरी करने का जतन कर रहे हैं। इतना ही नहीं कई नशेडियों की घर की महिलाएं भी डोडा-पोस्त के लिए अधिकृत दुकानों पर पहुंच रही हैं।किल्लत से सड़क पर!

डोडा-पोस्त की किल्लत ने सारे नशेडियों को सड़क पर ला दिया है। आबकारी की अधिकृत दुकानों के आगे कतार लगाए खड़े इन नशेडियों को किसी भी सूरत में डोडा-पोस्त चाहिए।

यहां हैं दुकानें

जिले में आबकारी विभाग की ओर से 11 दुकानें अधिकृत है। इसके तहत जालोर, जीवाणा, भाद्राजून, बागोड़ा, भीनमाल, सांचौर, आहोर, वेडिया, चितलवाना, रानीवाड़ा, सिवाड़ा में दुकानों का संचालन किया जा रहा है।

अफीम का भी सेवन

अफीम का सेवन वैध नहीं है, लेकिन जिले के हर गांव में करीब पचास से अधिक अफीमची हैं। आबकारी विभाग की ओर से जिले में डोडा-पोस्त के नशेडियों के 697 लाइसेंस जारी किए गए हैं। लाइसेंसधारी के हिसाब से डोडा-पोस्त की मात्रा निर्घारित की गई है। ऎसे में एक आदमी के हिसाब से औसत करीब सात किलो डोडा-पोस्त की हर माह आवश्यता रहती है। ऎसे में विभाग की ओर से प्रतिमाह करीब 5 हजार किलो डोडा-पोस्त का वितरण किया जाता है, लेकिन जिले में अवैध रूप से करीब 10 हजार से अधिक लोग डोडा-पोस्त के आदी हैं। ऎसे में अवैध रूप से डोडा-पोस्त नहीं मिलने पर आबकारी विभाग की दुकानों पर नशेडियों की भीड़ उमड़ रही है।

तहसील स्तर पर हो व्यवस्था

हर तहसील मुख्यालय पर नशा मुक्ति केन्द्रों की व्यवस्था होनी चाहिए। हालांकि, पूर्व में राज्य सरकार की ओर से प्रस्ताव मंागे गए थे, लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं की। सरकार नशेडियों का सर्वे कराकर यूनिट स्थापित कर नशा मुक्ति का प्रयास करें, तो ही सार्थक परिणाम आ सकते हैं। वर्तमान में नशा मुक्ति अभियान से जुड़ने पर केन्द्र सरकार की ओर से चिकित्सक व कम्पाउंडर को 5 हजार रूपए दिए जाते हैं। जबकि, राज्य सरकार की ओर से कोई प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। रामेश्वरलाल बिश्नोई, अध्यक्ष, नशा मुक्ति केन्द्र, जालोर

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