कब कौन जीता किसे हराया
1952 भवानीसिंह निर्दलीय पूनमचंद विश्नोई कांग्रेस
1957 रघुनाथसिंह ((निर्दलीय)) गोवर्धनदास बिन्नानी ((कांग्रेस))
1962 तनसिंह ((रामराज्य परिषद)) ओंकारसिंह ((कांग्रेस))
1967 अमृत नाहटा((कांग्रेस)) तनसिंह ((स्वतंत्र पार्टी))
1971 अमृत नाहटा((कांग्रेस)) भैरोसिंह शेखावत ((जनसंघ))
1977 तनसिंह ((जनता पार्टी)) खेतसिंह ((कांग्रेस))
1980 वृद्घिचंद जैन((कांग्रेस)) चन्द्र वीरसिंह((जनता पार्टी))
1984 वृद्घिचंद जैन ((कांग्रेस)) गंगाराम चौधरी ((लोकदल))
1989 कल्याणसिंह कालवी ((जनता दल)) वृद्धिचंद जैन ((कांग्रेस))
1991 रामनिवास मिर्धा ((कांग्रेस)) कमल विजय ((भाजपा))
1996 कर्नल सोनाराम चौधरी ((कांग्रेस)) जोगराजसिंह ((भाजपा))
1998 कर्नल सोनाराम चौधरी ((कांग्रेस)) लोकेंद्रसिंह कालवी ((भाजपा))
1999 कर्नल सोनाराम चौधरी ((कांग्रेस)) मानवेन्द्र सिंह ((भाजपा))
2004 मेजर मानवेन्द्र सिंह ((भाजपा)) कर्नल सोनाराम ((कांग्रेस))
2009 हरीश चौधरी ((कांग्रेस)) मानवेन्द्र सिंह ((भाजपा))
लोकसभा चुनाव का आगाज 1952 में हुआ। छह दशक के चुनावी दंगल में अलग अलग पार्टियों के प्रत्याशी विजयी रहे। सर्वाधिक रिकार्ड मतों से जीत भाजपा प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह ने सन 2004 के चुनाव में 2 लाख 71 हजार वोटों से दर्ज की। जबकि सबसे कम 17711 मतों से रामराज्य परिषद के प्रत्याशी तनसिंह ने सन 1962 में जीता था।
संसदीय क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर से लगातार तीन बार चुनाव जीतने का रिकार्ड कर्नल सोनाराम के नाम दर्ज है। कर्नल ने सन 1996 में भाजपा प्रत्याशी जोगराजसिंह राजपुरोहित, 1998 में लोकेंद्रसिंह कालवी व सन 1999 में मानवेन्द्र सिंह को पराजित कर जीत दर्ज की। उन्होंने तीन बार सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया।
रिकार्ड जीत मानवेन्द्र के नाम सन 2004 के चुनाव में 2 लाखा 71 हजार वोटों से दर्ज की। थार में जीत का दबदबा रहा।
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