प्राईवेट दूध माफिया सक्रिय,ओने-पौने दामों में खरीद रहे हैं दूध बाङमेर से खबर

राजस्थान समाचार बाङमेर से जागो तुम न्यूज धोरीमन्ना -उपखंड में कोराना महामारी के चलते लॉकडाउन में अब क्षेत्र में सरकारी डेयरी नहीं होने के कारण प्राइवेट डेयरी द्वारा कम रेट पर दूध खरीदने का कारोबार जोरों पर है।उपखंड के आसपास के गांव घोरीमना नेडीनाडी कोजा पनावली, धोलिनाडी, पनल की बेरी, डबोई, मंगलासर, झाखरड़ा,  सहित गाँवों में दर्जनों जगह प्राईवेट डेयरी से संबधित बोलेरो केंम्पर घर-घर घूमकर ओने-पौने दामों पर दूध खरीद रहे हैं।पशुपालको को महज 8-10 रूपये प्रति लीटर पेमेंट कर रहे है।40 से 50 रूपये लीटर रेट का दूध भी 10 रूपये प्रति लीटर खरीद कर गरीब पशुपालकों को लूटा जा रहा है।प्राईवेट डेयरी संचालक सक्रिय होकर लॉकडाउन मे चांदी कुट रहे है जिससे पशुपालक परेशान हैं। प्राइवेट डेयरी संचालक पशु पालकों से औने पौने दामों में दूध खरीद कर आगे ऊंचे दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं। पशुपालकों ने बताया कि प्राइवेट डेयरी वाले ज्यादा रेट देने से मना कर रहे हैं कि लॉककडाउन की वजह से आगे दूध की बिक्री नहीं होती है हम तो आपसे ले जाकर आगे ही कम दाम में बेच रहे हैं। बहुत सारे पशु पालक दूध बेचकर ही गुजारा करते  हैं आज उनका जीवनयापन भी मुश्किल हो गया है। आज महंगाई के दौर में चारा,कूटर, पशु आहार, दवाई, देखभाल पर पशुपालक को बहुत ज्यादा खर्च आता है लेकिन उसे आस होती है कि दूध बिकेगा तो कुछ पैसे आ जाएंगे जिससे हमारा गुजारा चलेगा। कई बार तो प्राइवेट डेयरी संचालक दस पन्द्रह दिन बाद दुग्ध राशि देने का झांसा देकर दूध ले जाते हैं और बाद में पशुपालकों को पैसा भी नहीं देते जिससे पशु पालक लाचार और बेबस हो जाता है।क्यों आम किसान खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन करके गुजारा चलाते हैं जहां एक तरफ बेमौसम बारिश के चलते किसानों की फसल खराब हो गई वहीं अब दूध माफिया उनकी मेहनत पर मुनाफे की गठरी बांध रहे हैं। ग्वार चूरी और पशु आहार लाना किसानों के लिए मुश्किल हो रहा है।प्रशासन भी
 इसको लेकर गम्भीर नहीं है।

पशुपालकों की मेहनत का मुनाफा डेयरी वाले कमा रहे हैं यह चिंता का विषय है,प्रशासन को कार्यवाही करनी चाहिए।
-समस्त ग्रामवासी नेडीनाडी
 
सरकार को गांवों में सरकारी डेयरी खोलनी चाहिए ताकि पशुपालकों को उचित दाम मिल सके।

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