चैनल बंद, चर्चा अाम-डीटीएच लें या सैट टाॅप बॉक्स

कईचैनल बंद हो गए। केबल आपरेटर से शिकायत की तो जवाब मिला- 31 दिसंबर के बाद केबल नहीं चलेगी। डिजिटाइजेशन हो रहा है। सैट टॉप बॉक्स लगवाओ उसी से टीवी चलेगा। सुझाव के साथ ही उठा सवाल- डिजिटाइेशन तो 31 दिसंबर से है, अभी से चैनल बंद क्यों? कहीं कुछ गलत तो नहीं? सुना है कई इलाकों में तो प्रसारण पूरी तरह से ठप हो गया है। शायद मोहल्ले के ऑपरेटर और सर्विस प्रोवाइडर में ठनी हुई है? यही सैट टॉप बॉक्स बाकी जगह सस्ता दे रहे हैं, हमें महंगा क्यों? डीटीएच लगवाना ठीक या सैट टॉप बॉक्स? महीने का खर्च सैट टॉप में ज्यादा आएगा या डीटीएच में? क्वालिटी किसकी अच्छी होगी? कहीं असमंजस है तो कहीं आक्रोश। किसी को बॉक्स के रेट पर आपत्ति है तो कोई क्वालिटी से हो रहा संतुष्ट। सवालों और जिज्ञासाओं के बीच शहर में डिजिटाइजेशन काम भी तेजी पकड़ने लगा है। 

दो टाइप के एसबीटी 

शहरमें लोकल केबल ऑपरेटर द्वारा उपभोक्ताओं को दो तरह के सैट टाॅप बॉक्स (एसबीटी) उपलब्ध करवाएं जा रहे है। पहला एमपीईजी- 4 और दूसरा एमपीईजी-2 है। हालांकि डिजिटल प्रसारण को लेकर मंत्रालय ने एमपीईजी-4 कंपनी के सैट टॉप बाॅक्स की स्वीकृति दी है। लेकिन कई लोकल ऑपरेटर अपने फायदे के लिए एमपीईजी-2 ही उपभोक्ताओं को मुहैया करवा रहे है। सूत्रों का कहना है कि बाजार में एमपीईजी-2 के सैट टॉप बॉक्स चाइनिज है। जो एमपीईजी-4 के मुकाबले सस्ते में उपलबध करवाया जा रहा है। उपभोक्ता वन टाइम इनवेस्मेंट सोच कर ही सैट टॉप बाॅक्स लगवाए। 

डिजिटल केबल से 150 चैनल्स मिलेंगे 

शुरुआतीखर्चा 1200 से 1400 रुपए है। इसमें उपभोक्ता को हर माह 200 रुपए का मंथली चार्ज करेंगे जिसमें 150 चैनल्स मिलेंगे। क्वालिटी डिजीटल होगी। 

डीटीएचमें मिलते है 400 चैनल्स 

शुरुआतीखर्च करीब 1600 रुपए है। जिसमें मिनिमम 240 रुपए के चार्ज में 285 चैनल्स आते और हिंदी चैनल्स की संख्या 85 तक होती है। जबकि मैक्सिम चार्ज में 585 का है और 400 चैनल्स आते है। 

जिलेमें 15 केबल ऑपरेटरों की संख्या 

बीकानेरजिले में कुल 15 लोकल केबल ऑपरेटर ही डाक एवं तार विभाग से अधीकृत है। जो जिलेवासियों को प्रसारण सेवा उपलब्ध करवा रहे है। 

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