जयपुर। 27 वर्षीय हनुमान चौधरी की जिंदगी उनके पिता के एक फोन कॉल के बाद पूरी तरह से बदल गई। चौधरी जोकि ऑस्ट्रेलिया के एक रिसोर्ट में मैनेजर की नौकरी क रते थे। अपने पिता के फोन के बाद अपनी नौकरी छोड़कर नागौर से सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए वापस आ गए। बताया जा रहा है कि हनुमान को उसके पिता ने उस वक्त कॉल किया, जब सरकार ने आदेश जारी किया कि पंचायत का चुनाव लड़ने की लिए उम्मीदवार कम से कम आठवी कक्षा पास होना चाहिए।
सरकार के इस आदेश के खिलाफ कुछ लोग हाईकोर्ट पहुंचे थे, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। चौधरी ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा, "चुनाव लड़ने के लिए आठवीं पास होने का आदेश आने के बाद गांव वालों ने मुझे इस बात की जानकारी दी। मैंने अपने भाई से इस बारे में बात की, उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें समाज सेवा करनी है तो तुम वापस आ जाओ। उसने मुझे काफी सपोर्ट किया, जिसकी वजह से मैं वापस आ गया और अच्छे अंतर से मैंने जीत दर्ज की।" साथ ही चौधरी ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में उसकी सालाना सैलरी तकरीबन दो करोड़ रूपए थी।
सरकार के इस आदेश के खिलाफ कुछ लोग हाईकोर्ट पहुंचे थे, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। चौधरी ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा, "चुनाव लड़ने के लिए आठवीं पास होने का आदेश आने के बाद गांव वालों ने मुझे इस बात की जानकारी दी। मैंने अपने भाई से इस बारे में बात की, उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें समाज सेवा करनी है तो तुम वापस आ जाओ। उसने मुझे काफी सपोर्ट किया, जिसकी वजह से मैं वापस आ गया और अच्छे अंतर से मैंने जीत दर्ज की।" साथ ही चौधरी ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में उसकी सालाना सैलरी तकरीबन दो करोड़ रूपए थी।
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