बाड़मेर। कभी खाने को तरसते थे यहां के लोग, आज तेल के पैसे से हो गए हैं अमीर

बाड़मेर।"लाखाराम जाखड़" तेल की धार ने बाड़मेर शहर की तकदीर और तस्वीर बदल दी है, जहां सदियों पहले इस शहर को काले पानी की सजा के रूप में जाना जाता था। आज तेल, गैस और लिग्नाइट ने इस शहर में खुशियां भर दी हैं। 

 

पहले अकाल पड़ने से लोगों को दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती थी, आज उसी शहर के किसान मालामाल हैं। टूटी-फूटी सड़कों के शहर में ऊंची-ऊंची इमारतें, होटलें और फ्लाई ओवर नजर आते हैं। ऐसे लगता है मानो यह बाड़मेर नहीं कोई आधुनिक शहर हो। थार के रेगिस्तानी बाड़मेर जिले में सदियों पहले कोई जाना पसंद नहीं करता था। बाड़मेर को काले पानी की सजा के रूप में जाना जाता था, लेकिन परिस्थितियां और नजारा बदला तो बाड़मेर की दिशा भी बदल गई। 

 

थार की कोख से निकले तेल ने बाड़मेर की रफ्तार ही बदल दी। सूने पड़े शहर में विकास की डिमांड बढ़ गई और देखते ही देखते एक के बाद एक बनी बिल्डिंग से शहर का सौंदर्य निखर आया। वर्ष 2004 में बाड़मेर एक छोटा सा शहर था, जहां एक-दो छोटी इमारतें थी। स्टेशन रोड़ पर दुकानों के अलावा कोई मॉल नहीं था, लेकिन अब स्टेशन रोड पर करीब एक दर्जन बड़े मॉल नजर आएंगे। 

 

व्यवसाय में इजाफा हुआ है

 

बाड़मेर में बाहरी कंपनियों से रोजगार के अवसर बढ़े हैं, जिससे होटल व्यवसाय में काफी इजाफा हुआ है। होटलों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। व्यवसायियों में जबरदस्त उत्साह है।

 

प्रवीण सिंह सोढ़ा, होटल व्यवसायी। 

 

ये हैं बड़ी इंडस्ट्रीज


1. नागाणा व रागेश्वरी टर्मिनल  प्वाइंट (तेल उत्पादित क्षेत्र)
2. राजवेस्ट व गिरल (बिजली उत्पादित क्षेत्र)
3. सोनड़ी व कपूरड़ी लिग्नाइट परियोजना (लिग्नाइट उत्पादित क्षेत्र)
4. मुल्तानी मिट्टी, जिप्सम, गैस का उत्पादन
5. पवन चक्कियां (सौर ऊर्जा उत्पादित क्षेत्र)
6. केयर्न एनर्जी, एलएनटी व अन्य कंपनियां
 
मुंबई की तर्ज पर 11 मंजिला मॉल
 
बाड़मेर शहर के बीचो-बीच 11 मंजिला मॉल बन रहा है, जिसमें हजारों की संख्या में दुकानें हैं। हालांकि यह मॉल अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन इस मॉल ने बाड़मेर की सुंदरता बढ़ा दी है।
 
बाड़मेर शहर का यह एक मात्र मॉल है, जो 11 मंजिला होगा। इसके अलावा शहर में 3 से 5 मंजिला कई मॉल हैं। यहां बड़े हैण्डलूम, सिनेमा हॉल सहित कई बड़ी इमारतें है। कई बड़े हॉस्पिटल सहित संसाधनों का भी विकास हुआ है।
 
बाड़मेर में पिछले पांच-सात सालों में होटलों की संख्या दुगुनी हो गई है। पहले जहां साधारण होटल और ढाबे थे, वहां आज पांच मंजिला होटलें नजर आ रही है। संचल फोर्ट, रिषभ रिसोर्ट, कैलाश इंटरनेशनल भी इन होटलों में खास हैं। स्टार होटलों की कैटेगरी में इन होटलों का नाम आता है। रेत के टीले पर स्थित संचल फोर्ट को देख राजा-महाराजाओं की हवेलियों की याद ताजा हो जाती है। रंग-बिरंगे फूल, स्विमिंग पूल, छतरियां को देख ऐसा लगता है तो मानो यह बाड़मेर नहीं मुंबई हो।
 
                                       फोर लेन हाईवे और ओवरब्रिज
 
दस साल पहले जहां शहर में टूटी-फूटी डामर की सड़कें थी, वहां अब सीमेंटेड सड़कें हैं। जहां रेलवे फाटक पर लोग घंटों तक जाम में फंसे रहते थे, वहां आज ओवरब्रिज नजर आ रहा है। शहर में दो-दो बड़े ओवरब्रिज हैं, जिससे जनता को काफी राहत मिली है। इतना ही नहीं हाईवे का भी विस्तार हुआ है। टू लेन राष्ट्रीय राजमार्ग 15 अब फोर लेन है। सड़कों के बीचों-बीच डिवाइडर में रंग-बिरंगे फूल खिले हुए हैं। 
 
                                    इंडस्ट्रीज से बढ़े रोजगार के अवसर
 
खनिज पदार्थों के मिलने के बाद इंडस्ट्रीज में तेजी से विस्तार हुआ है, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिला है। बाड़मेर में केयर्न एनर्जी, एलएनटी, जेएसडब्ल्यू सहित कई बाहरी कंपनियों से रोजगार के अवसर बढ़े हैं। साथ ही परियोजनाओं के लिए अधिगृहीत हुई भूमि से किसान भी माला-माल हैं। अब लोगों के पास मर्सिडीज, स्कॉर्पियों, इनोवा सहित कई महंगी कारें हैं। 

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