चितलवाना। मौत का बंजर बना नेशनल हाइवे, हादसे में दो की मौत, 27 घायल

चितलवाना। राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर सिवाड़ा सरहद में शुक्रवार देर रात जीप-ट्रोला व निजी बस की भिड़ंत में दो जनों की मौत हो गई, जबकि 27 घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए सांचौर के निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

थानाधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि शुक्रवार देर रात दो बजे जसोल निवासी एक परिवार व उनके सगे सम्बन्धी के यहां शादी समारोह में मायरा भरने जीप-ट्रोले में सवार होकर रणोदर आ रहा था। इस दौरान रास्ता भटकने से यह लोग वाहन लेकर रणोदर से आगे निकल गए। इस बीच, सिवाड़ा सरहद में पेट्रोल पम्प को देखकर चालक को ख्याल आया कि वे रणोदर से आगे आ गए। इस पर चालक ने अचानक जीप-ट्रोला के ब्रेक लगाए। तभी पीछे चल रही बाडमेर-अहमदाबाद रूट की निजी बस जीप-ट्रोले से भिड़ गई।

टक्कर इतनी भीषण थी कि जीप-ट्रोला पीछे से व बस का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में जीप-ट्रोला सवार खारा महेचा (सिणधरी) निवासी तेजाराम प्रजापत (25) पुत्र बुद्धाराम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 28 अन्य घायल हो गए। घायलों को 108 एम्बुलेंस की मदद से सांचौर के निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान जसोल निवासी सुगना (6) पुत्री खीमाराम की भी मौत हो गई। पुलिस ने मौका मुआयना कर जांच शुरू की। इधर, शनिवार दोपहर पुलिस ने सांचौर के सामुदायिक चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किए।

कई बार चेतायाचितलवाना। राष्ट्रीय राजमार्ग पंद्रह पर ओवरलोड वाहनों के आवागमन से हर सप्ताह औसतन एक-दो हादसे होते हैं। दुर्घटनाओं के कारणों को टटोलने के साथ ही इसके प्रति प्रशासन को सचेत करने के लिए राजस्थान पत्रिका ने कई बार समाचार प्रकाशित किए हैं। जिसमें "राजमार्ग पर हादसे की आशंका", "...और हो ना जाए हादसा", "बेरिकेड्स पर मौत को दावत" तथा "फिर भी नहीं लिया सबक" शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर प्रशासन व परिवहन विभाग को सचेत किया जा चुका है।

चितलवाना। रणोदर में बहन के यहां मायरा भरने जा रहे भाई और उनके रिश्तेदार शादी समारोह में शरीक होने को लेकर काफी खुश थे। महिलाएं मायरा के मंगल गीत गा रही थी, लेकिन यह खुशियां एक पल में ही गम में बदल गई। बहन के परिजनों एवं रिश्तेदारों के साथ खुशियां बांटने आए इन लोगों को पूरी रात बेसुधी में अस्पताल में ही गुजारनी पड़ी। चिंता थी तो बस अपनों की सलामती की। जी हां, राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार देर रात हुए सड़क हादसे के बाद कुछ ऎसे ही हालात थे।

दरअसल, बाड़मेर जिले के जसोल से रणोदर में अपनी बहन के घर पर शादी समारोह में मायरा भरने आ रहे इस परिवार और रिश्तेदारों के लिए शुक्रवार की रात घटित हादसे ने एक पल में हालात बदल दिए। पल भर पहले जहां सजी-धजी महिलाएं मायरा के मंगल गीत गाने में मशगूल थी तो बड़े-बुजुर्ग भी काफी खुश नजर आ रहे थे। हंसी ठिठोली में कब रणोदर गांव से आगे निकल गए पता ही नहीं चला। सिवाड़ा में पेट्रोल पम्प पर चालक को रास्ता भटकने का अहसास हुआ तो उसे फौरन बे्रक लगा दिए।

अचानक हुए घटनाक्रम से पीछे आ रहा निजी बस का चालक भी वाहन को नियंत्रित नहीं कर पाया और पीछे से जीप ट्रोले में जा घुसा। जोर से धड़ाम की आवाज हुई और कोहराम मच गया। हादसे में जीप ट्रोला बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। तो जख्मी लोगों की चीख पुकार शुरू हो गई। हादसे ने दो जिंदगियां लील ली और 27 लोग घायल हो गए। सूचना के बाद पुलिस ने 108 एम्बुलेंस एवं निजी वाहनों से घायलों को सांचौर ले जाया गया।
ये हुए घायलराष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर सिवाड़ा कि सहरद में निजी बस व जीप ट्रोला की टक्कर में 27 लोग घायल हो गए। इसमें जसोल निवासी शंकराराम पुत्र खेमाराम प्रजापत, झमुदेवी पत्नी पुराराम प्रजापत, मुकेश पुत्र पुराराम प्रजापत, मुकेश पुत्र नेराराम प्रजापत, पोकराराम पुत्र लालाराम, पप्पु पुत्र मोहनलाल, झीमादेवी पत्नी नारायण, लेहादेवी पत्नी वागाराम, हनुमान पुत्र मुकना, लुम्भाराम पुत्र सोनाराम, देवी पत्नी रावताराम, रावताराम पुत्र नारायण, जसी पुत्री मानाराम, कवड़ा पुत्री तेजाराम, जमना पत्नी धनाराम, चनणी पत्नी पोकराराम, देवी पत्नी भैरदास संत, रूपा पत्नी मेघाराम, तारा पत्नी देवाराम, इमरती पुत्री खेमाराम, जोगाराम पुत्र धनाराम, कनणी पत्नी खेमाराम, कमु पत्नी शिवदान, जगमाल पुत्र डालुराम, वगतु पत्नी मलाराम, देवी पत्नी धेजाराम एवं खारा महेचा (सिणधरी) निवासी बाबूसिंह पुत्र लुम्भसिंह राजपुरोहित घायल हो गए।

लोग बेपरवाह, प्रशासन बेखबरराष्ट्रीय राजमार्ग पर आए दिन हो रहे हादसों के लिए कुछ हद तक लोगों की लापरवाही तथा प्रशासनिक उदासीनता भी जिम्मेदार है। यहां वाहन चालक बेखौफ होकर यातायात नियमों की धçज्जयां उड़ाते हैं, लेकिन उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं। राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही राज्यमार्गो व गांव के छोटे रास्तों पर भी ऎसे ओवरलोड वाहन अक्सर देखे जा सकते हैं, जो बेहिसाब सवारियां भरकर शादी एवं अन्य घरेलू समारोह में शिकरत करने जाते हैं। अचरज की बात तो यह है कि लोडिंग वाहनों का उपयोग भी यात्री वाहनों की माफिक किया जाता है।

उपचार में लापरवाही!सांचौर। सिवाणा सरहद में बस व जीप ट्रोला की भिड़ंत में घायल लोगों को शहर के सामुदायिक चिकित्सालय में लाने पर उपचार में चिकित्सालय स्टाफ की लापरवाही उजागर हुई। अस्पताल में रातभर दुर्घटना में घायल दर्द से कराहते रहे, लेकिन चिकित्सक को नींद से फुर्सत नहीं मिली। रात्रि में करीब दो बजे घायलों को जब अस्पताल लाया गया, उस समय एक चपरासी गेट पर सो रहा था। उसने शव को खुले में रखवाया। उसके बाद कम्पाउंडर को बुलाया।

कम्पाउंडर ने घायलों को बेड पर सुला कर कहा कि चिकित्सक आकर उपचार शुरू करेंगे। सुबह करीब छह बजे श्यामलाल प्रजापत ने ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वासुदेव जोशी को फोन किया। तब डॉ. जोशी ने कहा कि मैं अभी डॉक्टर भेज रहा हूं।लेकिन उसके बाद भी करीब एक घंटे तक चिकित्सक अस्पताल नहीं पहुंचा। इस पर वे उपखंड अधिकारी से मिले।उपखंड अधिकारी पुन: बीसीएमओ को फोन किया, उसके बाद चिकित्सक आया व घायलों का उपचार शुरू किया।
कार्रवाई करेंगे   घायलों के उपचार मे चिकित्सक व स्टाफ की लापरवाही रही है।लिखित शिकायत पर दोषियों के खिलाफजांच कर कार्रवाई करेंगे।
डॉ. वासुदेव जोशी, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सांचौर

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