जोधपुर जेल में घमासान

जोधपुर।देश की सबसे सुरक्षित जेलों में एक, जोधपुर सेंट्रल जेल एक बार फिर सुर्खियों में है। जेल में बैरक-4 के बाहर शुक्रवार को मोबाइल सुविधा के लिए कथित किराया देने के विवाद में एक बंदी और प्रहरी के बीच झगड़े के बाद गुस्साए प्रहरी वहां मौजूद बंदियों पर टूट पड़े। लाठियों के वार से करीब दो दर्जन बंदी घायल हो गए।

 गम्भीर घायल चार बंदियों का मथुरादास माथुर, दो का महात्मा गांधी अस्पताल तथा शेष का जेल डिस्पेंसरी में उपचार कराया गया। जेल उप महानिरीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। रात तक जेल प्रशासन ने पुलिस में किसी तरह की लिखित शिकायत नहीं दी।

जानकारी के अनुसार जेल में मोबाइल उपयोग की सूचना पर प्रहरियों ने गुरूवार को बंदियों की तलाशी ली थी। आरोप है कि रतनलाल मीणा व एक अन्य प्रहरी ने फलोदी के बंदी रफीक से एक मोबाइल कब्जे में लिया, लेकिन जेल प्रशासन को जमा करवाने की बजाय कथित तौर पर प्रहरी घर ले गए।


इस बात पर शुक्रवार सुबह बैरिक-4 के बाहर प्रहरी रतनलाल मीणा व बंदी रफीक में विवाद हो गया। दोनों गुत्थम-गुत्था हो गए। प्रहरी ने सिटी बजाकर अन्य प्रहरियों को बुला लिया। प्रहरियों ने रफीक पर लाठियों से वार किए। फिर उन्होंने बैरिक के बाहर मौजूद अन्य बंदियों पर भी लाठियां बरसानी शुरू कर दी। तभी जेल अधीक्षक, जेलर व अन्य अधिकारी वहां आए और बंदियों को बैरक में डलवा कर मामला शांत कराया।

 वारदात सुबह, अस्पताल पहुंचे दोपहर में

लाठियों के वार से करीब दो दर्जन बंदियों के घायल होने की जानकारी है। जेल प्रशासन दस-बारह बंदी चोटिल बता रहा है। गम्भीर घायल बंदी रफीक, भरत, मंगलाराम व मानाराम को दोपहर में एमडीएम तथा बम्बा मोहल्ला निवासी युसुफ खान व एक अन्य को एमजीएच में प्राथमिक उपचार के बाद फिर से जेल ले गए।

अलग-अलग दावे

जेल प्रशासन का दावा है कि प्रहरी रतनलाल सुबह बंदी रफीक से पूछताछ कर रहा था। तब रफीक ने उसके साथ मारपीट की, वर्दी भी फाड़ दी। तब उसने अन्य प्रहरियों को वहां बुलाया। वहीं, अस्पताल पहुंचे बंदी रफीक का आरोप है कि प्रहरी रतनलाल ने उससे मोबाइल कब्जे में लिया, लेकिन जेल में जमा नहीं करवाकर घर ले गया। आरोप है कि प्रहरी मोबाइल उपयोग के बदले दस हजार रूपए मासिक किराया वसूलते हैं। किराया नहीं देने पर ही प्रहरी ने उसका मोबाइल कब्जे में ले लिया था। एमजीएच में आए बंदी युसुफ का आरोप है कि जेल में मोबाइल सुविधा के लिए पांच हजार रूपए लिए जाते हैं।

  जांच के आदेश

"प्रहरी रतनलाल से विवाद व वर्दी फाड़ने के बाद बंदी मारपीट पर उतारू हो गए थे। अन्य प्रहरियों ने बंदियों को नियंत्रित किया। जेल अधीक्षक को समूचे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। बंदियों ने खाने का बहिष्कार नहीं किया है।"दिलीपकुमार जाखड़उप महानिरीक्षक जोधपुर जेल (रेंज)

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