राजस्थान और हरियाणा में भूमि, प्रियंका के गले की फांस


नई दिल्ली। राजस्थान और हरियाणा में भूमि खरीद को लेकर कथित भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे राबर्ट वाड्रा पत्नी प्रियंका वाड्रा के गले की फांस बन गये हैं। कांग्रेस के अपने ही कार्यकर्ता प्रियंका से यह सवाल कर रहे हैं कि जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के इतने आरोप लग रहे हैं उन्हें लेकर चुनाव में घूमने की जरूरत क्या है। वाड्रा को लेकर रायबरेली के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आलम यह है कि गुरूवार को सलोन विधानसभा में वाड्रा की उपस्थिति में ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी कर दी। ऊंचाहार की एक कार्यकर्ता बैठक में प्रियंका से भी कार्यकर्ताओं ने सवाल दाग दिया था। बहरहाल वाड्रा शुक्रवार शाम दिल्ली लौट आए। शनिवार को रायबरेली में सोनिया की रैली है जिससे वे दूरी बरत सकते हैं। बताया जा रहा है कि वाड्रा को लेकर उठ रहे सवालों से प्रियंका आहत हैं।प्रियंका इन दिनों रायबरेली में अपनी मां एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चुनाव कमान संभाल रही हैं। उनका साथ देने के लिये उनके पति राबर्ट वाड्रा भी दो दिनों से रायबरेली में जमे थे। सूत्रों के अनुसार वाड्रा गुरूवार को करीब शाम 3:30 बजे सलोन के उमरी गांव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बैठक लेने जैसे ही पहुंचे उनके पहनावे को देख उपस्थित कार्यकर्ता भड़क गये और उसमें से कुछ कार्यकर्ताओं ने वाड्रा मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी कर दी। वैसे कार्यकर्ताओं में ये गुस्सा वाड्रा पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर है। हालांकि इसमें घी का काम के.एल शर्मा का व्यवहार कर रहा है। शर्मा सोनिया गांधी के संसदीय प्रतिनिधि के साथ पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं। बताया जा रहा है कि जब यह सूचना प्रियंका को मिली तो वे बेहद आहत हुई। लेकिन उन्हें भी कार्यकर्ताओं के इस गुस्से से दो चार होना पड़ा जब वे ऊंचाहार के महेश विद्या निकेतन इण्टर कॉलेज में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंची। कार्यकर्ताओं ने उनसे ही सवाल दाग दिया कि जब वाड्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं तो वे उन्हें चुनाव में लेकर क्यों घूम रही हैं। हालांकि प्रियंका ने इन बौछारों के जवाब नहीं दिए।इमोशनल ब्लैक मेल का ले रहीं सहारारायबरेली में सोनिया गांधी की जीत पर कोई संशय नहीं है लेकिन उनकी जीत के अंतर को बरकरार रखना कांग्रेस के लिए मुख्य चुनौती बनी हुई है। जनता से ज्यादा कार्यकर्ता ही नाराज नजर आ रहे हैं। दस साल के सत्ता का स्वाद बेशक पार्टी के आला नेताओं ने चखा हो किंतु कार्यकर्ता महरूम रह गये हैं। इस लोकसभा सीट पर चुनाव 30 अप्रेल को होना है लेकिन अब भी रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने का खेल जारी है। सोनिया का मैदान संभाल रहीं प्रियंका को कार्यकर्ताओं और क्षेत्र की जनता को समेटने के लिये पुराने सरोकारों को याद दिलाते हुए इमोशनल ब्लैक मेल का सहारा ले रहीं हैं।

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