बालोतरा। पोचे प्रबंध वन्य जीवों पर भारी

बालोतरा। वन विभाग के पोचे प्रबंध वन्य प्राणियों पर भारी साबित हो रहे हैं।बाड़मेर व जोधपुर जिले की सीमा पर स्थित गावों  में वन विभाग की ओर से रेस्क्यू सेन्टर नहीं होने के नतीजन घायल हरिणों का उपचार नहीं होने से वे मौत के मुंह में चले जाते हैं।लम्बे समय से क्षेत्र के डोली इलाके में रेस्क्यू सेन्टर की जरूरत के बाद भी अमल नहीं हो रहा है।
 
बाड़मेर व जोधपुर जिले की सीमा पर डोली इलाका हरिणों के लिए अभयारण्य से कम नहीं है। यहां हजारों हरिणों के समूह स्वच्छंद अठखेलियां करते हैं। यह इलाका वन्य जीव प्रेमी विश्नोई बाहुल्य होने से शिकार की घटनाएं नहीं होती तथा हरिणों को पूरा संरक्षण मिलता है। लेकिन हिंसक श्वानों के हमले अथवा सड़क हादसों की वजह से कई बार हरिण गंभीर घायल हो जाते हैं। डोली व इसके आस-पास बाड़मेर जिले में रेस्क्यू सेन्टर नहीं होने से घायल हरिणों को उपचार के लिए जोधपुर जिले के धवा गांव ले जाना पड़ता है। उपचार मे देरी की वजह से घायल हरिण दम तोड़ देता है। इसे देखते हुए डोली इलाके में वन विभाग के वन्य जीव प्रभाग की ओर से रेस्क्यू सेन्टर स्थापित करने की जरूरत महसूस की जा रही है, लेकिन महकमे के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

ये रहती हैं वजह

क्षेत्र में हिंसक श्वान हरिणों पर हमला कर देते हैं। जान बचाने के लिए भागते हरिण नजदीक से गुजरते हाइवे पर वाहनों की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं। भागने के दौरान हरिण खेतों की तारबंदी में उलझ कर भी घायल हो जाते हैं। सड़क पार करते समय वाहनों की चपेट में आने से हरिणों के घायल होने की घटनाएं होती रहती है।

भूमि भी उपलब्ध

 डोली राजगुरा गांव में बस स्टेण्ड के समीप वन विभाग के पास जमीन भी उपलब्ध है। दस वर्ष पहले यहां तारबंदी भी थी तथा एक कमरा बना था। जहां गार्डनियुक्त थे, लेकिन अब यह जमीन उपेक्षित है।वन विभाग की ओर से अगर यहां रेस्क्यू सेन्टर खोला जाए तो घायल हरिणों की उपचार की व्यवस्था हो सकती है।

खुले रेस्क्यू सेन्टर

डोली इलाके में हजारों हरिण हैं। आए दिन हिंसक श्वानों के हमले व सड़क दुर्घटनाओं की वजह से हरिण घायल होते हैं। उपचार के लिए इन्हें धवा ले जाना पड़ता है। डोली में रेस्क्यू सेन्टर खोलने के लिए कईबार मांग भी की जा चुकी है, लेकिन अमल नहीं हो रहा है।मुल्तानसिंह राजगुरू, पूर्व सरपंच

बैठक में रखा गया था प्रस्ताव

डोली इलाके में रेस्क्यू सेन्टर खोलने को लेकर पंचायत समिति की बैठक में प्रस्ताव भी रखा जा चुका है। यहां रेस्क्यू सेन्टर खुलने से डोली, कल्याणपुर, अराबा, ग्वालनाडा, गोदावास, गंगावास आदि इलाकों में हरिणों के घायल होने पर नजदीक में उपचार की सुविधा मिल सकेगी। दौलाराम कुआ, सरपंच, कल्याणपुर

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