बाड़मेर से टिकट न मिलने पर खफा हुए जसवंत सिंह

जयपुर। राजस्थान में भाजपा के टिकट बंटवारे से कई नेताओं में नाराजगी पनप गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह बाड़मेर से टिकट नहीं मिलने पर खासे खफा हो गए है। उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने की धमकी तक दे दी है। भाजपा ने राजस्थान में दो बाबाओं को भी लोकसभा चुनाव का टिकट थमा दिया है।

राज्य की 25 में से 21 लोकसभा सीटों के उम्मीदवार घोषित करते ही भाजपा में कई इलाकों में नाराजगी फूट पडी है। पार्टी ने विधायकों को टिकट नहीं देने का नियम भी तोड़ दिया है। भाजपा ने मजबूत उम्मीदवारों को उतारने की मजबूरी के कारण तीन विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ाने का एलान किया है। इसके साथ ही सीकर और अलवर सीट पर दो संतों को भी टिकट दिया गया है। इसके साथ ही दो दिन पहले ही भाजपा में शामिल होने वाले आइपीएस अधिकारी हरीश मीणा को भी दौसा सीट से टिकट थमा दिया गया है। टोंक-सवाई माधोपुर सीट से हरियाणा के गुर्जर नेता सुखवीर सिंह जौनपुरिया को टिकट दिया गया है। जयपुर ग्रामीण सीट से ओलंपियन राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टिकट दिया गया है। सीकर, टोंक-सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर ग्रामीण सीटों से बाहरी नेताओं को टिकट देने से पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों में नाराजगी पनप गई है।
भाजपा में टिकट को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह की सामने आई है। बाड़मेर से टिकट चाहने वाले सिंह का नाम सूची में नहीं आने से इलाके के भाजपाई भी हैरान है। पूर्व केंद्रीय मंत्री इस इलाके में दो साल से मेहनत कर रहे हैं। इस इलाके के जाट नेता कर्नल सोनाराम हाल में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए है। उन्हें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भाजपा में शामिल किया है। इसके बाद से ही सोनाराम को बाड़मेर से टिकट देने की संभावना थी। केंद्रीय नेतृत्व इस सीट से जसवंत सिंह के पक्ष में है और वसुंधरा राजे के साथ ही प्रदेश नेतृत्व की मंशा सोनाराम को टिकट देने की है। इस तनातनी के चलते बाड़मेर से टिकट तय नहीं किया गया है। जसवंत सिंह ने भाजपा को धमकी दी है कि टिकट नहीं मिलने पर वे निर्दलीय ही चुनाव लडेंगे। इस इलाके के भाजपा विधायक और पदाधिकारी पूरी तरह से जसवंत सिंह के पक्ष में है। भाजपा की स्थानीय इकाई में सोनाराम का तगड़ा विरोध हो रहा है।
प्रदेश भाजपा में टिकटों की आपाधापी के कारण पार्टी ने चार सीटों के उम्मीदवारों का नाम एलान नहीं किया है। पार्टी ने बाड़मेर के साथ ही पाली, धौलपुर-करौली और अजमेर सीटों का एलान कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि बाड़मेर में केंद्रीय नेतृत्व जसवंत सिंह का नाम तय करता है तो फिर सोनाराम को पाली से टिकट दिया जाएगा। इससे पाली में भाजपा नेताओं में नाराजगी पनप गई है। पाली के नेताओं ने नेतृत्व को साफ कर दिया है कि बाहरी उम्मीदवार उन्हें मान्य नहीं होगा।
भाजपा के लिए अजमेर सीट भी सिरदर्द बन गई है। इस सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट उम्मीदवार है उनके सामने भाजपा दमदार उम्मीदवार की तलाश में है। जयपुर शहर सीट से प्रदेश महामंत्री रामचरण बोहरा को टिकट दिया गया है। यहां से वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी की दावेदारी दमदार थी। तिवाड़ी को वसुंधरा राजे के तगडे विरोध के चलते टिकट नहीं मिल पाया।
रामदेव की सिफारिश पर भाजपा ने सीकर से स्वामी सुमेधानंद और अलवर से महंत चांदनाथ को टिकट दिया है। इन दोनों का भी क्षेत्र में खासा विरोध हो रहा है। सीकर में गुरुवार को स्वामी सुमेधानंद का भाजपा कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखा कर विरोध भी किया। भाजपा ने अपने चार मौजूदा सांसदों में से तीन को फिर मैदान में उतारा है। चूरू के सांसद रामसिंह कस्वा का टिकट काट कर उनके बेटे राहुल कस्वा को दिया गया है। रामसिंह कस्वा का विरोध वसुंधरा सरकार के वरिष्ठ मंत्री राजेंद्र राठौड़ कर रहे थे।
कोटा से विधायक ओम बिरला, झुंझनूं से विधायक संतोष अहलावत और भरतपुर से विधायक बहादुर सिंह कोली को टिकट दिया गया है। पार्टी ने पहले तय किया था कि किसी भी विधायक को टिकट नहीं दिया जाएगा। इस नियम को मजबूत उम्मीदवार नहीं मिलने के कारण तोड़ना नेतृत्व की कमजोरी साबित करता है।

Post a Comment

और नया पुराने