बाड़मेर। जसवंत की "धमकी" दरकिनार, बाड़मेर से सोनाराम को टिकट

बाड़मेर। भाजपा ने राजस्थान की बाकी बची 4 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इसके तहत वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के विरोध को दरकिनार करते हुए बाड़मेर से कर्नल सोनाराम को टिकट दिया गया हैं। इसके साथ ही जसवंत सिंह की टिकट की उम्मीदें खत्म हो गई। वहीं संभावना जताई जा रही है कि जसवंत सिंह अब निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरेंगे।

वहीं अजमेर से सिंचाई मंत्री सांवर लाल जाट को, पाली से पीपी चौधरी और करौली-धौलपुर से मनोज राजोरिया को टिकट दिया गया है। सांवर लाल जाट वर्तमान में नसीराबाद से विधायक हैं। पाली से उम्मीदवार बनाए गए पीपी चौधरी सीरवी समाज से आते हैं। चौधरी को टिकट देकर भाजपा ने जाट और अन्य समाजों को साधने का प्रयास किया है। इस सूची के साथ ही भाजपा ने प्रदेश की सभी सीटों से उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं जसवंत सिंह
दूसरी ओर जसवंत सिंह निर्दलीय के रूप में मैदान में उतर सकते हैं। गौरतलब है कि गुरूवार को जसवंत सिंह ने टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी दी थी। इसके बाद भाजपा में खलबली मच गई थी। जसवंत सिंह का कहना था कि ये उनका अंतिम चुनाव होगा और वे बाड़मेर से ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने घोषणा की थी कि अगर पार्टी ने उन्हें बाड़मेर से टिकट नहीं दिया तो वे 24 मार्च को बतौर निर्दलीय अपना नामांकर दाखिल कर देंगे। हालांकि जसवंत सिंह की इस मांग से भाजपा आलाकमान राजी था लेकिन प्रदेश नेतृत्व और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कर्नल सोनाराम को बाड़मेर से चुनाव लड़ाना चाहते थे। 

पार्टी के इस कदम का बाड़मेर जिलेे में भी काफी विरोध हुआ था। जिले से भाजपा के छह विधायकों ने जसवंत सिंह को समर्थन दिया था। वहीं नाराज समर्थकों ने पार्टी के जिला मुख्यालय पर ताला जड़ दिया था। जसवंत सिंह एनडीए सरकार में वित्त और विदेश जैसे अहम मंत्रालय संभाल चुके हैं। 

जाट बाहुल्य बाड़मेर सीट से कांग्रेस ने हरीश चौधरी को मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि इसके चलते ही भाजपा ने कर्नल सोनाराम को यहां से टिकट दिया है। सोनाराम बाड़मेर से तीन बार सांसद रह चुके हैं। तीन दिन पहले ही वह भाजपा में शामिल हुए हैं।

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