सांचौर। "नर्मदेश्वर घाट" को विकास की दरकार

सांचौर। नर्मदा नहर परियोजना के प्रवेश द्वार सीलू में नर्मदा के प्रति लोगों की आस्था, श्रद्धा और विश्वास को कायम रखने के लिए तत्कालीन भाजपा सरकार की ओर से बनाया गया नर्मदेश्वर घाट अब तक विकास की बाट जो रहा है।
दरअसल, 25 सितम्बर 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे ने सीलू गांव में तीन करोड़ की लागत से नर्मदेश्वर धाम परियोजना का शिलान्यास किया था। 

नर्मदेश्वर घाट के लिए नर्मदा मुख्य केनाल से 376 मीटर अतिरिक्त केनाल बनाई गई और उस पर घाट व नर्मदेश्वर महादेव मंदिर बनाया गया। उस समय घाट का समय रहते निर्माण पूरा नहीं हो पाया, लेकिन विधानसभा चुनाव 2008 की आचार संहिता लगने से पूर्व ही सरकार ने आनन-फानन में नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में मूर्तियां स्थापित कर दी।

चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बन गई। पांच साल तक घाट के विकास की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने मंदिर में नर्मदेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना शुरू कर दी। हिन्दू पर्व-त्योहारों पर यहां मेला लगता है और बड़ी श्रद्धा के साथ लोग नर्मदा घाट में डुबकी लगाते हैं। जनता को भी उम्मीद थी कि सरकार इस पर ध्यान देगी तो नर्मदेश्वर घाट पश्चिमी राजस्थान का पर्यटक स्थल बनकर उभर सकता है, लेकिन यह सरकारी उदासीनता का शिकार बनकर रह गया।

ये कार्य रह गए अधूरे
आज भी परियोजना में प्रस्तावित बगीचा, वाहन पार्किग, 36 कौम के 36 घाट, धर्मशालाएं, ट्रेसिंग रूम, लेटबाथ सहित अन्य सुविधाओं का कार्य अधूरा पड़ा है।

पितृ तर्पण को आते हैं
हिन्दू धर्म मान्यता के अनुसार स्वर्गवास के बाद व्यक्ति की अस्थियों को गंगा, नर्मदा सहित अन्य पवित्र नदियों में विसर्जित कर पितृतर्पण करते हैं। क्षेत्रवासी भी पितृतर्पण के लिए हरिद्वार में गंगा एवं सिद्धपुर में सरस्वती नदी के घाट पर जाते थे, लेकिन सीलू गांव में नर्मदेश्वर घाट का निर्माण होने के बाद कई लोग यहां पितृतर्पण करवा रहे हैं।

मकर संक्रांति पर महास्नान
नर्मदेश्वर घाट बनने के बाद गोधाम पथमेड़ा के तत्वावधान में 14 जनवरी 2012 को मक्रर संक्रांति पर संत समागम और ब्रह्म वेला में महास्नान का आयोजन किया गया, जिसमें देश के कोने-कोने से आए संतों ने घाट में डुबकी लगाई। उसके बाद से लगातार प्रति वर्ष मकर संक्रांति पर मेला लगता है और महास्नान होता है।

पर्यटन विकास की सम्भावनाएं
नर्मदेश्वर घाट पर प्रस्तावित विकास कार्य पूरे कर दिए जाएं तो यह स्थल पर्यटन नक्शे पर उभर सकता है। सांचौर से निकलने वाले नेशनल हाइवे पन्द्रह से गुजरात व राजस्थान के पर्यटक स्थलों पर जाने वाले सैकड़ों लोग यहां से गुजरते हैं। विकास कार्य पूरे होने पर यहां से गुजरने वाले पर्यटकों का भी इस स्थल के प्रति आकर्षण बढ़ सकता है।

करवाएंगे अधूरे कार्य
नर्मदेश्वर घाट के विकास के लिए सांसद कोटे से सभा भवन बनाया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री को अवगत करवा कर जल्द ही अधूरे कार्यो को पूरा करवाया जाएगा।
- देवजी पटेल, सांसद, जालोर-सिरोही

नहीं मिल रहा फायदा
नर्मदेश्वर घाट का विकास नहीं होने से क्षेत्र सहित बाहर के लोेगों को पूरा फायदा नहीं मिल रहा है। घाटों का निर्माण, धर्मशालाएं एवं बगीचों का निर्माण प्रस्तावित था, लेकिन कोई कार्य नहीं हुआ।
- हरीश पुरोहित, ग्रामीण, सीलू

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