बाड़मेर। द्रौपदी का चीर बन गए अतिक्रमण?


बाड़मेर। तहसील क्षेत्र गडरारोड के अधीन स्थित ग्राम पंचायत खलीफे की बावड़ी के राजस्व गांव पाबूसरी में अतिक्रमण का मामला द्रौपदी का चीर बन गया है। अंधेरगर्दी का आलम यह है कि जिला कलक्टर के पत्र का जवाब भी करीब एक वर्ष बाद दिया जा रहा है। 

तहसीलदार गडरारोड ने जिला कलक्टर को इस संबंध में रिपोर्ट भेजी है। उसमें बीते वर्ष 28 मार्च को जिला कलक्टर कार्यालय की ओर से भेजे पत्र का हवाला देते हुए बताया कि ग्राम पाबूसरी में अतिक्रमण के 112 प्रकरण में बेदखली के आदेश पारित किए हुए हैं। निर्णय की पालना में इजराय कायम कर कार्रवाई की जा रही है। तहसीलदार ने जिला कलक्टर को आश्वस्त किया हैकि इस संबंध में पटवारी से रिपोर्ट लेकर अलग से रिपोर्ट भिजवाई जाएगी।

तहसील कार्यालय गडरारोड की अधिकृत रिपोर्ट के मुताबिक पाबूसरी के खसरा संख्या 74, 435, 438, 387, 803/368 की गैर मुमकिन गोचर भूमि रकबा 40.05 बीघा भूमि पर 114 व्यक्तियों ने अतिक्रमण किए हुए हैं। जिनके खिलाफ धारा 91 राजस्थान भू राजस्व अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने इसके अलावा किसी प्रकार के अतिक्रमण नहीं होने की रिपोर्ट दी है। 

इधर, शिकायतकर्ता का आरोप हैकि जिन 114 प्रकरणों में तहसील कार्यालय गडरारोड ने अतिक्रमण माना है, उसकी हकीकत यह है कि एक-एक अतिक्रमी ने डेढ़ से दो बीघा जमीन पर अतिक्रमण कर रखे हैं। जबकि तहसील प्रशासन ने मात्र चालीस बीघा जमीन पर ही अतिक्रमण बताया है। शिकायतकर्ता का दावा हैकि गोचर भूमि के अलावा वनभूमि में अतिक्रमण है, जिनको लेकर अभी तक रिपोर्ट ही नहीं की गई है। 

अब भी वही राग
छह दिन पहले जिला कलक्टर को भेजे पत्र में तहसीलदार ने बताया कि ग्राम पाबूसरी में जनसंख्या के अनुपात में आबादी भूमि कम है। आबादी भूमि के विस्तार के लिए ग्राम पंचायत खलीफे की बावड़ी ने प्रस्ताव पारित कर भिजवाया है। इधर राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को दो माह पहले ही यह कहते हुए खारिज कर दिया कि आबादी भूमि पर्याप्त है। तहसील कार्यालय की ओर से पुराना राग अलापा जा रहा है। 

नहीं हट रहे अतिक्रमण 
इस पूरे मामले में आरंभिक चरण में कहा गया कि गांव में अतिक्रमण नहीं है। फिर यह बताया गया कि बारह-तेरह अतिक्रमण थे, जिन्हें हटा दिया गया। फिर एक रिपोर्ट में बताया कि जिन्हें अतिक्रमी बताया जा रहा है, वे बीस-पच्चीस वर्ष से काबिज हैं। जबकि गांव में तीन वर्ष पहले अतिक्रमण की शुरूआत हुई, जो अब नासूर बन चुकी है। राजस्व प्रशासन के कागजी घोड़े दौड़ाने के बीच अतिक्रमित जमीन का दायरा कम होने की बजाय बढ़ता ही गया है। 

नियमानुसार हो रही है कार्रवाई
पाबूसरी में अतिक्रमण के मामले में नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं। पूर्व में की गई मौका रिपोर्ट व वर्तमान वस्तुस्थिति के मद्देनजर मामला आगे बढ़ रहा है। 
-दलाराम पंवार, तहसीलदार गडरारोड

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