विधायक से की शिकायत , नर्मदा के पानी से बाढ़ के हालात समस्या का हल निकालने की बात कही।


विधायक से की शिकायत - रविवार को नर्मदा नहर के पानी से प्रभावित ग्रामीणों ने गुड़ामालानी विधायक लादूराम विश्नोई से शिकायत कर समस्या का हल निकालने की बात कही। ग्रामीणों की शिकायत है कि नर्मदा नहर के पानी का उपयोग नहीं होने से खुले खेतों में पानी छोड़ दिया गया, जिससे खेत लबालब पानी से भरे हुए है। लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है। पानी के कारण कई खेतों का संपर्क कट गया है, वहीं कई घर पानी से भरे हुए है। ऐसे में लोग घर छोड़ ऊंचे स्थानों पर जाने को मजबूर है। झाखरड़ा वन्य अभ्यारण क्षेत्र की खरड़ की 2080 बीघा जमीन पर वी-आरबी किमी. 65-380 से ओवरफ्लो पानी खेतों में भर गया है। झाखरडा़ खरड वन्य अभ्यारण क्षेत्र है, जिससे जीव-जंतुओं को भी परेशानी हो रही है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

गुड़ामालानी - उपखंड क्षेत्र के जालोर सीमा पर बसे आधा दर्जन से अधिक गांवों में नर्मदा नहर का पानी छोडऩे के बाद बाढ़ के हालात बने हुए है, जिससे किसान घर खाली करने को मजबूर हो रहे है। वहीं कई सरकारी स्कूल, विभागीय कार्यालय भी पानी से घिरे हुए है। नर्मदा नहर का पानी ओवरफ्लो होने के साथ खाली खेतों में छोड़ा जा रहा है, जिससे खेतों में पानी का भराव होने से लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले एक-डेढ़ माह से पानी की डिमांड कम हुई, जिससे नहर में आने वाले पानी को यूं ही व्यर्थ बहाया जा रहा है। जिससे आलेटी, धोलीनाड़ी, झाखरडा, पनल की बेरी, मेघावा, मणोर में पानी का तीन से चार फीट तक भराव है

करीब दो दर्जन  गांव नर्मदा नहर के पानी की चपेट में होने से इन गांवों का संपर्क कट गया है। किसानों की फसलें पानी में डूब गई है। किसान बाबूराम, मोहनलाल, जोगाराम, धर्माराम, लाधूराम निवासी धोलीनाड़ी ने बताया कि खेतों में पानी के भराव से फसलें बर्बाद है। वहीं राप्रावि. झाखरड़ा, खेराजराम खिलेरी की ढाणी राप्रावि. में भी पानी भरने से बंद है। इसके अलावा झाखरड़ा विद्युत घर, खनिज विभाग ऑफिस, वन विभाग ऑफिस भी पानी से घिरे हुए है।
ये है नर्मदा नहर कि हालत 
नर्मदा नहर के ओवरफ्लो पानी से नेहड़ क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इससे करीब दो दर्जन गांवों के रास्ते बंद हो गए हैं। ग्रामीणों को आवागमन में परेशान का सामना करना पड़ रहा है।

पंचायत समिति व उपखण्ड मुख्यालय से नेहड़ के करीब दो दर्जन गांवों के लिए आवागमन के रास्ते पर नर्मदा का ओवरफ्लो का पानी आ गया है। यहां बनी पुलिया भी पानी के बहाव से बह गई है। इससे नेहड़ के करीब दो दर्जन गांवों के रास्ते बंद हो गए हैं। ऎसे लोगों को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं प्रशासन व नर्मदा परियोजना की ओर से इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

बसों का आवागमन बंदओवरफ्लो पानी से रास्ते बंद होने से नेहड़ के गांवों में जाने वाली बसों और अन्य वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। ऎसे में कुछ लोग पैदल चलकर गन्तव्य तक पहुंच रहे हैं। कई लोगों को जानकारी नहीं होने पर वे घर से वाहन लेकर निकल तो जाते हैं, लेकिन पुलिए टूटे होने से उन्हें काफी दूरी तय करने के बाद पुन: घर लौटना पड़ रहा है। रास्ता बंद होने से खाने-पीने की सामग्री लाने, चिकित्सा, शिक्षा जैसी कई आवश्यक सेवाओं के लिए लोग परेशान रहे हैं।

तैरना आता है, तो पार जाओ

नर्मदा नहर के ओवरफ्लो से नेहड़ के रास्तों पर पानी का बहाव हो रहा है। रास्ता बंद होने से जिन लोगों को तैरना आता है, वे ही रास्ता पार सकते हैं। ऎसे में कई लोग पार नहीं जा पा रहे हैं।

इन गांवों का रास्ता बंदओवरफ्लो पानी से रास्ता बंद होने से पंचायत समिति मुख्यालय पर आने-जाने के लिए नेहड़ के लालपुरा, ठेलिया, रामपुरा, सायड़ा, मालीपुरा, शिवपुरा, सिलोसन, होथीगांव, कोलियों की गड्डी, दुठवा, पादरड़ी, रबारियों की गड्डी, मरटवा, भाटवास, मेढा, रतौड़ा, टेम्बी, टांपी, गलीफा सहित करीब दो दर्जन गांवो के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

विद्यार्थियों की "परीक्षा"नेहड़ के गांवों से पंचायत समिति मुख्यालय पर पढ़ने वाले स्कूली छात्रों को रास्ता बंद होने से दिक्कत हो रही है। ओवरफ्लो पानी से रास्ता बंद होने वे स्कूल भी नहीं जा पा रहे।

बिना सूचना के छोड़ा पानीनर्मदा परियोजना की ओर से नहर में बिना सूचना के देर रात पानी छोड़ दिया। बहाव में पुलिया टूटने से लोगों को परेशान होना पड़ा।

पुलिया काकटाव जारी
नर्मदा नहर के ओवरफ्लो पानी के बहाव से अस्थाई पुलिया की मिट्टी का कटाव जारी है। बहाव इसी तरह रहा तो एक-दो दिन में पुलिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाएगी।

सहयोग नहींप्रशासन की ओर से सहयोग नहीं करने पर ग्रामीणों ने खुद ही अस्थाई पुलिया बनाया था।लेकिन पानी के बहाव से यह फिर टूट गया है। ऎसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लक्ष्मीचन्द गांधी, उपप्रधान चितलवाना

बजट नहीं
नर्मदा के ओवरफ्लो के पानी के बहाव से निजात दिलाने के लिए एक बार कच्चा पुलिया बनाया था। पक्के पुलिये के निर्माण के लिए बजट की स्वीकृति नहीं हैं।
हेमाराम विश्नोई, सहायक अभियन्ता सार्वजनिक निर्माण विभाग सांचौर




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