धमाणा का गोलिया सरहद में अमृता देवी उद्यान, महफूज होगी वाइल्ड लाइफ

सांचौर। वन्य जीवों के संरक्षण व सुरक्षा के उद्देश्य से वन्य जीव प्रेमियों ने उपखण्ड मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर नेशनल हाइवे 15 पर धमाणा का गोलिया सरहद में अमृता देवी उद्यान की स्थापना की है। उद्यान की सुरक्षा के लिहाज से चारदीवारी का निर्माण किया गया है। यहां वन्य वातावरण के लिहाज से छह हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं। हरीतिमा से आच्छादित इस उद्यान में वन्य जीवों का बसेरा होने के साथ ही वे प्राकृतिक वातावरण में आराम से विचरण कर सकेंगे। वन्यजीव प्रेमियों के प्रयासों से कुछ समय में यहां हरिण, मोर, सियार, लोमड़ी, खरगोश एवं रोजड़ा जैसे वन्यजीवों की तादाद में भी इजाफा होने लगा है।

40 बीघा जमीन में है उद्यान

अमृता देवी उद्यान सरकारी जमीन में स्थापित किया गया है। इससे सरकारी जमीन का संरक्षण होने के साथ ही वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा हो सकेगी। यहां हरीतिमा के लिए जनसहयोग से छह हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं। यहां घायल वन्य जीवों को लाकर उनका इलाज भी किया जा रहा है। वन्य जीव प्रेमियों ने बताया इस उद्यान के विकसित करने के लिए वन्यजीव प्रेमी रामलाल विश्नोई पिछले तीन वर्षो से नियमित रूप नि:शुल्क सेवाएं देने के साथ ही वन्य जीवों एवं पौधों की सार-सम्भाल कर रहे हैं।

इसलिए थी जरूरत

नर्मदा नहर का पानी क्षेत्र में आने के बाद सिंचाई क्षेत्र बढ़ गया है। ऎसे में पहले वीरान रहने वाले खेतों में अब चहल-पहल रहती है। वहीं वन क्षेत्र घटने से वन्य जीवों के संरक्षण व सुरक्षा की समस्या पैदा हो गई है। इससे कई बार वन्य जीव खेतों, सड़कों व आबादी क्षेत्र में आ जाते हैं। वन्य जीव जन्तुओं के लिए क्षेत्र से 200 से 250 किलोमीटर में रेस्क्यू सेन्टर नहीं होने से सुविधाएं भी नहीं मिल रही है।

नेशनल हाइवे सहित अन्य सड़कों पर वाहन दुर्घटना या कुत्तों के हमले से घायल वन्य जीवों को उपखण्ड मुख्यालय के पशु चिकित्सालय में इलाज के लिए लाया जाता है। इस दौरान घायल वन्य जीव को वाहन में बिठाने पर कई बार वह घबराहट से ही मर जाता है। कई बार पशु चिकित्सालय में इलाज के बाद उसे रखने के लिए भी परेशानी आती है। हालांकि उपखंड मुख्यालय पर गोशाला में वन्य जीव जन्तुओं को रखने की व्यवस्था है, लेकिन वे भी सीमित होने एवं कई बार जगह नहीं होने से वन्य पे्रमियों के लिए परेशानी होती थी।

रेस्क्यू सेंटर की जरूरत

क्षेत्र में आए दिन वन्य जीवों के घायल होने की घटनाएं होती हैं। उनके संरक्षण, सुरक्षा व उपचार के लिए क्षेत्र में रेस्क्यू सेन्टर की जरूरत है। वैसे वन्य जीव प्रेमियों का यह प्रयास भी सराहनीय है।
पीराराम धायल, प्रान्तीय उपाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ, जोधपुर

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