India Q1FY21 GDP: जीडीपी 23.9% घटी, 40 साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट


NSO के आंकड़े के मुताबिक 2020-21 की पहली तिमाही में में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में में सकल मूल्य वर्धन (GVA) – 39.3 फीसदी रहा. कंस्ट्रक्शन सेक्टर में यह -50.3 फीसदी रहा है. बिजली में यह -7 फीसदी है. उद्योग में GVA -38.1 फीसदी और सर्विस सेक्टर में -20.6 फीसदी रहा. केवल कृषि क्षेत्र की ग्रोथ में 3.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. खनन क्षेत्र में GVA -23.3 फीसदी, ट्रेड एवं होटल में -47 फीसदी, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में -10.3 फीसदी और फाइनेंस, रियल एस्टेट में -5.3 फीसदी रहा है.

पिछली तिमाहियों में GDP ग्रोथ

Q1FY21: (-)23-9%
Q4FY20: 3.1%
Q2FY20: 4.5%
Q3FY20: 4.7%
Q1FY20: 5%
(Source: CSO)
वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 2011-12 के कांस्टेंट प्राइस पर 26.90 लाख करोड़ रुपये रही. पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 35.35 लाख करोड़ रुपये थी. इस तरह इसमें 23.9 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं, करंट प्राइस पर जून 2020 तिमाही में जीडीपी 38.08 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 49.18 लाख करोड़ रुपये थी. इस तरह 22.6 फीसदी की गिरावट आई है.

आने वाली तिमाहियों में बेहतर प्रदर्शन करेगा देश: CEA

मुख्य आर्थिक सलाहकार के. वी. सुब्रहमणियन का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट का मुख्य कारण कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए लगाया गया कड़ा लॉकडाउन है. आने वाली तिमाहियों में देश बेहतर प्रदर्शन करेगा. कई क्षेत्रों में ‘वी’ आकार (ग्राफ चार्ट पर अंग्रेजी के वी अक्षर की भांति) का तेज सुधार देखा जा रहा है. सुब्रहमणियन ने कहा कि बिजली उपभोग और रेल मालवहन जैसे संकेत दिखा रहे हैं कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है.

पूरे वित्त वर्ष में 10 फीसदी गिरेगी अर्थव्यवस्था!

पहली तिमाही की गिरावट को अनुमान के अनुकूल बताते हुए विशेषज्ञों ने अुनमान लगाया है कोविड-19 महामारी के प्रभाव की वजह से चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है उपभोग और मांग में तेजी के लिए महामारी पर काबू पाना महत्वपूर्ण है. वहीं उद्योग जगत ने कहा कि विभिन्न सुधारों, 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज और रिजर्व बैंक के उपायों से आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे पुनरुद्धार होने की उम्मीद है.

क्या है GDP, कैसे होती है गणना?

किसी भी एक साल के भीतर देश में उत्पादित होने वाले सभी सामानों और सेवाओं का कुल मूल्य सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी (GDP) है. जीडीपी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है. इससे पता चलता है कि देश का विकास किस तरह हो रहा है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) जीडीपी की गणना करता है. जीडीपी के आंकड़े हर तिमाही यानी साल में चार बार जारी किए जाते हैं. जीडीपी की गणना चार घटकों कंजम्पशन एक्सपेंडिचर, गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर, इनवेस्टमेंट एक्सपेंडिचर और नेट एक्सपोर्ट्स के जरिए होती है.
जीडीपी की गणना के लिए NSO देश के आठ प्रमुख क्षेत्रों से आंकड़े प्राप्त करता है. इनमें कृषि, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, विद्युत, गैस सप्लाई, माइनिंग, वानिकी एवं मत्स्य, क्वैरीइंग, होटल, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड और कम्युनिकेशन, फाइनेंसिंग और इंश्योरेंस, बिजनेस सर्विसेज और कम्युनिटी के अलावा सोशल व सार्वजनिक सेवाएं शामिल है.

Post a Comment

और नया पुराने