कोरोना वायरस (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन (21 Days Lockdown) ने रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है। इस बीच एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट इलाके उत्तर कोलकाता के सोनागाछी में भी सेक्स वर्कर्स (Sonagachi Sex Workers) को पता नहीं कि आगे क्या होगा।
पश्चिम बंगाल की सेक्स वर्कर्स का संगठन दरबार महिला समन्वय समिति, सरकार से बातचीत कर रहा है। संगठन की मांग है कि उन्हें असंगठित क्षेत्र के कामगारों का तमगा दिया जाए ताकि उन्हें मुफ्त राशन मिल सके। इस संगठन में 1,30,000 से ज्यादा पंजीकृत सदस्य हैं।
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एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार मुफ्त राशन के फायदे सेक्स वर्कर्स को देने पर विचार कर रही है। दरबार की एक पदाधिकारी महाश्वेता मुखर्जी ने कहा, 'पिछले पांच दिन से हमें राज्य के अलग-अलग हिस्सों से परेशानी वाले फोन आ रहे हैं। सेक्स वर्कर्स भुखमरी की आशंका से उन्हें बचाने के लिए कुछ करने को कह रही हैं। ज्यादातर के पास भोजन खरीदने के पैसे नहीं हैं, क्योंकि कोरोना वायरस के कारण पिछले 20-21 दिन से उनका काम ठप पड़ा है।'
मुखर्जी ने कहा कि एड्स के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स के लिए यह देखना दुखद है कि अब वे इस महामारी के दौरान इतनी गंभीर स्थिति का सामना कर रही हैं। एक एनजीओ सोनागाछी रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (एसआरटीआई) ने कहा कि दरबार ने वेश्याओं की मदद के लिए रणनीति बनाई है।
एनजीओ के प्रबंध निदेशक समरजीत जाना ने बताया, 'सबसे पहले हमने महिला एवं सामाजिक कल्याण मंत्री शशि पांजा से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि असंगठित क्षेत्र को राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले लाभ सेक्स वर्कर्स को भी मिलें। दूसरा हम मकान मालिकों से इस महीने का किराया माफ करने के लिए बात कर रहे हैं। तीसरा हम मदद के लिए कई जानी-मानी हस्तियों और एनजीओ को पत्र लिख रहे हैं।'
बता दें कि सोनागाछी की 30,000 से ज्यादा सेक्स वर्कर्स किराए के मकान में रहती हैं और उनका किराया हर महीने पांच से छह हजार रुपये तक होता है।
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