बाड़मेर व जोधपुर से पकड़े 3 पाकिस्तानी जासूस, जुटाते थे सेना की जानकारी

जयपुर/जोधपुर. पाकिस्तान से लंबे समय के लिए वीजा लेकर बाड़मेर व जोधपुर में रह रहे तीन जनों को इंटेलीजेंस ने जासूसी के आराेप में पकड़ा है। आरोपियों के तार पाकिस्तान इंटेलीजेंस के अफसरों व आईएसआई के सदस्यों से जुड़े हैं। आरोपियों में सतनाम माहेश्वरी बाड़मेर और उसके रिश्तेदार विनोद कुमार व सुनील कुमार जाेधपुर में रहते हैं। 

तीनों पर सीमावर्ती इलाकों में होने वाली सेना की गतिविधियों की जानकारी आईएसआई तक पहुंचाने के आरोप हैं। इंटेलीजेंस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि तीनों पिछले पांच साल से गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान तक पहुंचाते थे। इसके बदले में सालाना 30-30 हजार रुपए तक मिलते थे। तीनों आरोपी छह माह पहले पाकिस्तान जाकर आए और वापस जाने की तैयारी में थे। सतनाम बीस साल पहले और विनोद व सुनील दो साल पहले पाकिस्तान से आए थे। इंटेलीजेंस के अधिकारी तीनों आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। डीआईजी राघवेन्द्र सुहास ने बताया कि पांच माह से इंटेलीजेंस की अलग-अलग टीमें आईएसआई से संपर्क रखने वाले संदिग्ध लोगों पर निगरानी कर रही है। कुछ दिनों पहले एक माड्यूल का खुलासा किया था। जांच और मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर चौहटन बाड़मेर से सतनाम माहेश्वरी को जासूसी करने के आरोप में हिरासत में लिया गया।  सतनाम से पूछताछ के बाद उसके रिश्तेदार विनोद व सुनील को भी जोधपुर से पकड़ लिया। आरोपियों के पास कुछ दस्तावेज मिले हैं। जिनमें सेना की गतिविधियों की जानकारी है। 
 
फरवरी में 3 और पिछले 7 माह में 11 जासूस गिरफ्तार
इंटेलीजेंस ने इसी साल फरवरी माह में जाेधपुर भगत की कोठी रेलवे स्टेशन और जैसलमेर किशनगढ़ से तीन जनों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इंटेलीजेंस ने सादिक खान, बेरियम खान व हाजी खां को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपियों ने इंटेलीजेंस की पूछताछ में कई खुलासे किए थे। पिछले सात माह में इंटेलीजेंस के अधिकारी 11 लोगों को जासूसी के आरोप में पकड़ चुकी है। आरोपियों के पाकिस्तान सेना के मैजरों से सीधा संपर्क था। 

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