बाड़मेर। रेगिस्तान में तेल भंडारों की सौगात बढ़ती जा रही है।

  
बाड़मेर। राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में तेल खोज कार्य में जुटी केयर्न इंडिया कम्पनी ने तीन नए तेल क्षेत्रों की खोज की है। कम्पनी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन नई तेल खोज केबाद रेगिस्तान में तेल भण्डारों की कुल खोज संख्या 36 हो गई है।
 
सूत्रों ने बताया कि थार रेगिस्तान में तेल भंडारों की सौगात बढ़ती जा रही है और कम्पनी को एक बार फिर यहां पर तेल खोज अभियान में सफलता की तिकड़ी लगी है।

कम्पनी ने बुधवार को बाडमेर और जालोर में तीन नए तेल क्षेत्रों की खोज किए जाने की घोषणा की। सूत्रों ने बताया कि नई खोजों से इस भरपूर संभावनाओं वाले ब्लॉक में खोज में जुटी अंवेषण टीम की क्षमता फिर एक बार सिद्व हुई है।

भू-वैग्यानिक संरचना बाड़मेर हिल में स्थित अंवेषण कुएं डीपी-1 की खुदाई के दौरान 70 मीटर तेल युक्त स्तर ज्ञात हुआ है। जांच के दौरान यहां से 120 बैरल तेल प्रतिदिन की दर से तेल प्रवाह प्राप्त हुआ।

डीपी संरचना मंगला तेल क्षेत्र से 6 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में 21 वर्ग किलोमीटर में घेरे में फैली हुई है। सूत्रों के अनुसार मंगला तेल भंडारों से इसकी नजदीकी के कारण यह एक उल्लेखनीय खोज है।

इस खोज का त्वरित आंकलन करने और व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने की योजना तैयार की गई है। इसी कड़ी में दूसरी नई खोज अन्वेषण कुंए सरस्वती एसडब्ल्यू-1 में की गई है जो मेसोजोइक काल के सैंड अंतराल के रूप में मौजूद है।

इसमें जांच के दौरान 248 बैरल तेल प्रतिदिन की दर से तेल का प्रवाह पाया गया। सूत्रों ने बताया कि तीसरी खोज धारावी डूंगर भू वैग्यानिकफार्मेशन में ऎश्वर्या-46 के रूप में की गई।

बाड़मेर व्लॉक की इस 36वीं खोज से जांच के दौरान 182 बैरल तेल प्रतिदिन का प्रवाह पाया गया। इस अवसर पर केयर्न इंडिया के अंतरिम सीईओ सुधीर माथुर ने शेयर धारकों के लिए डिविडेंड की घोषणा भी की।

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