नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विमान भी उस रूट पर था, जिस पर मलेशियाई एयरलाइंस के विमान एमएच-17 बोइंग 777 को आतंकियों ने मिसाइल से उड़ा दिया था। एक समाचार पत्र के मुताबिक घटना के बाद नरेन्द्र मोदी की फ्लाइट को रास्ता बदलकर भारत लाया गया। गौरतलब है कि आतंकियों ने रूस की सीमा के नजदीक युद्ध प्रभावित यूक्रेन में मलेशियाई एयरलाइंस के प्लेन को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइस से गिरा दिया था। मलेशियाई एयरलाइंस के विमान को उड़ान की घटना से दो घंटे पहले ही मोदी के विमा ने जर्मनी के फ्रेंकफर्ट से उड़ान भरी थी मोदी एयर इंडिया के विमान में सवार थे। प्लेन ने 11.21(जीएमटी) बजे फ्रेंकफर्ट से उड़ान भरी थी। प्लेन को फ्रेंकफर्ट से दोनेत्सक तक पहुंचने में तीन घंटे लगते। करीब एक घंटे बाद मोदी का विमान यूक्रेन फ्लाइट इंर्फोमेशन रीजन में प्रवेश करता। एक एविएशन अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री के प्लेन को कोई खतरा नहीं था लेकिन यह स्पष्ट है कि जिस इलाके से विमान को उड़ना था वह वही था। यह पायलट को फैसला करना था कि वह प्लेन को रूस के ऊपर डायवर्ट करे या काला सागर की तरफ। हालांकि अधिकारी ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि किस विकल्प को चुना गया।
नई दिल्ली।एक घंटे की देरी ने बचा ली नरेन्द्र मोदी की जान?
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