हर महीने के अंत में बनेगा थानों का रिपोर्ट, ज्यादा अंक वाले को मिलेगा सम्मान

जयपुर। प्रदेश के पुलिस थानों का हर महीने के अंत में रिपोर्टकार्ड बनेगा, जिसमें संबंधित इलाके के कांस्टेबल से लेकर डीसीपी,एडिशनल डीसीपी और एसीपी के कामकाज का आकलन होगा। पुलिस मुख्यालय ने थानों के कामकाज की रैंकिंग तय कर दी है।अंक निर्धारित करने की जिम्मेदारी एससीआरबी शाखा को दी गई है। सबसे ज्यादा अंक वाले थाने को सम्मानित और खराब कामकाज वालों पर कार्रवाई होगी। यह व्यवस्था इसी महीने से लागू होगी। 

 

पुलिस महानिदेशक ओमेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि, रिपोर्ट कार्ड में यदि किसी थाने को हर काम में माइनस अंक मिले, तो उसको सुधार के लिए कहा जाएगा। फिर भी सुधार नहीं हुआ तो थाना प्रभारी को हटा दिया जाएगा और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अफसरों को हटाने और लगाने में रिपोर्ट कार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। 

 

माइनस अंक और कामकाज के मापदंड अंकों का बंटवारा कुछ इस तरह किया गया है

  • किसी भी थाने में पुलिस के ट्रैप होने पर सबसे ज्यादा माइनस मार्किग (-50) होगी।
  • दुष्कर्म सहित महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को 15 दिन में निस्तारित (रिपोर्ट दर्ज होने से लेकर गिरफ्तारी और चालान पेश होने तक) करने पर सर्वाधिक 10 अंक दिए जाएंगे।
  • अगर महिलाओं से दुष्कर्म संबंधित 60 फीसदी मामलों का निस्तारण नहीं किया गया तो माइनस मार्किंग होगी।
  • थाने का कोई भी पुलिसकर्मी निलंबित हुआ तो माइनस 20 अंक मिलेंगे।
  • इसी तरह रिपोर्ट कार्ड में कामकाज के आधार पर 18 मापदंड तय किए गए हैं।
  • पुलिस की जनता से सीधी भागीदारी को लेकर 5-5 अंक तय किए गए हैं। एक से अधिक सीएलजी की बैठक होती है तो थाने को 5 अंक मिलेंगे और एक भी बैठक नहीं होने पर -5 अंक दिए जाएंगे।
  • योजना के तहत किसी थाना इलाके में अगर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संबंधित इलाके के एसपी या डीसीपी मौके पर पहुंचते हैं तो थाने को -10 अंक मिलेंगे।

 

सात दिन में करना पड़ेगा सत्यापन 

  • लोगों को पासपोर्ट, आर्म्स और सर्विस का सत्यापन कराने के लिए थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। 
  • सात दिन में यदि सत्यापन नहीं किया और इसकी पेंडेंसी करीब 80 फीसदी रही तो थाने को -10 मिलेंगे।
  • सभी आवेदनों का सत्यापन सात दिन के अंदर कर दिया गया तो थाने को 8 मिलेंगे।  इसके लिए अलग-अलग कैटेगरी बनाई गई हैं। 
  • यदि घटनास्थल पर आईजी स्तर का अधिकारी जाता है तो इससे यह जाहिर होता है कि संबंधित इलाके के डीसीपी और थाने के अन्य कर्मचारी पुलिसकर्मी कानून-व्यवस्था नहीं बना सके। ऐसे में थाने को माइनस 20 अंक मिलेंगे।

फायदा होगा

थाने में परिवादी की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद ही अधिक अंक प्राप्त करने के लिए मामले की त्वरित कार्रवाई कर जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और तत्काल कोर्ट में आरोपी के खिलाफ चालान पेश कर दिया जाएगा। अब तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करना तो दूर कई माह तक मामले की जांच भी शुरू नहीं करती थी। इस योजना का आम जनता को काफी लाभ मिलेगा। साथ ही प्रदेश के थानों में कंपीटीशन भी होगा। सभी थाना प्रभारियों और संबंधित इलाके के डीसीपी अधिक से अधिक अंक लाने की कोशिश करेंगे।

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