बाड़मेर जिले में डोडा पोस्त के नशेडिय़ों की
तादात से कहीं शराब के नशेड़ी ज्यादा है,इसका अंदाजा बाड़मेर में बिकने वाली शराब
के सरकारी आंकड़ों को देख लगाया जा सकता है। जिले में अंग्रेजी व देशी शराब बिक्री
के लिए 343 दुकानों को लाइसेंस दिए गए है, जिन पर करीब 100 करोड़ से ज्यादा का शराब
कारोबार हो रहा है। जबकि डोडा पोस्त के लिए केवल 9 करोड़ रुपए की ही आय होती
है।जबकि सरकार भी अपने फायदे के लिए डोडा पोस्त नशेडिय़ों को नशामुक्ति की सलाह दे
रही है, जबकि शराब बिक्री के लिए कोई पाबंदी नहीं है। युवाओं में बढ़ रही नशे की लत
और शराब का शौक के रूप में सेवक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। हालात ये है कि
प्रतिवर्ष जिले में बिकने वाली शराब के आंकड़े भी बढ़े रहे है। हालात ये है कि डोडा
पोस्त के नशेडिय़ों का जिले में आंदोलन चल रहा है, जिसके लिए सरकार भी नशामुक्ति के
प्रयास कर रही है।इसके विपरीत डोडा पोस्त नशेडिय़ों से जिले में शराब सेवन करने वाले
लोगों की संख्या कहीं ज्यादा है। ऐसे में युवाओं में शराब सेवन की प्रवृति भी एक
गंभीर समस्या है।
(राशि करोड़ों रुपए में)
(राशि करोड़ों रुपए में)
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