बाड़मेर। पुलिस पहरे में बिक रहा मादक पदार्थ


बाड़मेर। समाज में जहां नशे की प्रवृत्ति मिटाने के लिए राज्य सरकार डोडा पोस्त के ठेके धीरे-धीरे बंद करने जा रही है। वहीं दूसरी तरफ सप्लाई कम होने से पुलिस पहरे में डोडा पोस्त की बिक्री हो रही है। शहर के घंटाघर में दो कोठों के बीच पन्ना निवास स्थित डोडा-पोस्त की दुकान के बाहर नशेडियों की भीड़ के कारण पुलिस सुरक्षा में मादक पदार्थ बेचा जा रहा है।

क्षेत्रवासी परेशान

डोडा पोस्त की लाइसेंसधारी दुकान के आस-पास बड़ी संख्या में मकान और दुकानें हैं। डोडा पोस्त लेने वालों की भीड़ व कतार लगने से आमजन के साथ ही दुकानदारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार लाइन में लगे लोगों में झगड़ा हो जाता है। इससे वहां माहौल खराब होता है। सूत्रों के अनुसार जिले में डोडा-पोस्त का सेवन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।

इससे मांग में भी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इसके उलट सप्लाई कम हो गई है। साथ ही ठेकों की संख्या में कमी होने से भी दुकानों पर भीड़ उमड़ती है। ऎसे में लाइसेंसधारी नशेडियों को सौ ग्राम डोडा ही दिया जा रहा है।

व्यवस्था बनाना जरूरी

"माल कम आने की वजह से सौ-दो सौ लोगों की भीड़ आती है। भीड़-भाड़ वाले मार्ग पर जाम लग जाता है। बार-बार शिकायत मिलने, भीड़ को व्यवस्थित करने व कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस लगाई जाती है।"-शंकरलाल, थानाधिकारी सदर कोतवाली।

डोडा पोस्त की किल्लत है

"डोडा पोस्त की भारी किल्लत है। पूरे राज्य में यही स्थिति चल रही है। बाड़मेर जिले में तो लाइसेंस वाली दुकानें नहीं खुल पा रही है। भीड़-भाड़ होने पर शांति व्यवस्था बिगड़ने का खतरा रहता है। जिसे संभालना पुलिस का ही काम है। मंदिर व विद्यालय के आस-पास ऎसी दुकानें नहीं खुल सकती, लेकिन यहां ऎसी स्थिति नहीं है।"-प्रदीप बालाच, जिला आबकारी अधिकारी जोधपुर।

ठेकों की संख्या कम

"सरकार ठेकों की संख्या कम कर रही है। पीने वाले बढ़ रहे हैं। माल की आपूर्ति बराबर नहीं है। ऎसे में डोडा-पोस्त के आदी लोगों की लाइनें लगती है। सरकार को आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए।"पूनाराम चौधरी, डोडा-पोस्त दुकान का संचालक।

Post a Comment

और नया पुराने