बाड़मेर में जसवंत कर सकते है उलटफेर
खुफिया रिपोट्र्स के अनुसार प्रदेश की दौसा, सीकर और बाड़मेर सीट पर निर्दलीय हावी है। इसके चलते इन सीटों पर कांग्रेस और भाजपा दोनों को झटका लग सकता है। बाड़मेर सीट से टिकट न मिलने पर निर्दलीय पर्चा भरने वाले जसवंत सिंह भाजपा का सपना तोड़ सकते है। पहले जसवंत सिंह और फिर बेटे मानवेंद्र सिंह को भाजपा निलंबित करने के मुद्दे को राजपूतों ने अहम की लड़ाई बना ली है। निलंबन से राजपूत वोटर बेहद नाराज माने जा रहे हैं। इससे भाजपा को जैसलमेर, पाली, बाड़मेर जैसी राजपूत बाहुल्य सीटों पर खासा नुकसान हो सकता है।
दौसा सबसे बड़ी मिस्ट्री
वहीं दौसा में दो भाइयों की चुनावी लड़ाई इस लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी मिस्ट्री बन रही है। यहां से कांग्रेस से नमो नारायण मीणा और भाजपा से हरीश मीणा उम्मीदवार है। वहीं किरोड़ी मीणा ने राजपा प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकी है। इसके चलते मीणा वोटों के बंटने के कारण अन्य जातियों के वोटों के ध्रुवीकरण हो सकता है। इसके चलते निर्दलीय प्रत्याशी अंजू धानका का पलड़ा भारी माना जा रहा है। सीकर में भी भाजपा के बागी सुभाष महरिया कड़ी टक्कर में है।
आधी से ज्यादा सीटें भाजपा के खाते में!
खुफिया विभाग की मानें तो प्रदेश की 25 सीटों में से सीधे तौर पर भाजपा के खाते में 15 से ज्यादा सीटें जाने की संभावना है। इन सीटों में जयपुर शहर, जोधपुर, जालौर, पाली, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, झालावाड़ और कोटा प्रमुख है।
6 सीटों पर कांग्रेस भारी
वहीं पिछले लोकसभा चुनावों में भारी जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस को भारी नुकसान की संभावना जताई जा रही है। पिछले बार की अपेक्षा कांग्रेस को इस बार केवल 6 सीटों पर मजबूत माना जा रहा है। इनमें धौलपुर, करौली, भरतपुर सहित झुंझुनूं से भी कांगे्रस को बढ़त मिलती दिख रही है। जयपुर ग्रामीण सीट पर भी कांगे्रस आगे है। वहीं बांसवाड़ा, टोंक, अजमेर और नागौर सीट पर दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला है।
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