बाड़मेर। भीषण गर्मी के बीच 45 डिग्री से अधिक वाले तापमान ने
ग्रामीणों के लिए पेयजल का संकट और बढ़ा दिया है। सरकार ने गांवों में जीएलआर,
ओवरहेड टैंक और अन्य संसाधन तो बना दिए, लेकिन उन तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था
नहीं की है।
इससे ये संसाधन मृग मरिचिका साबित हो रहे हैं। तेज गर्मी में भी हलक तर करने
के लिए कोसों दूर का सफर तय कर पीने के पानी का जुगाड़ करना किसी चुनौती से कम नहीं
है। ऐसे हालातों से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर बैठकें होती है, कागजी
कार्रवाई में पेयजल संकट से निपटने के लिए प्लान भी बनते है।
करोड़ों की योजनाएं बनती है, लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन में तत्परता का
अभाव बाड़मेर के लोगों को पेयजल संकट से जूझने के लिए मजबूर कर देता है। इसके लिए
कार्मिकों की कमी व समय पर देखभाल नहीं होने का तर्क दिया जाता है। हालात ये है कि
गांवों में सैकड़ों जीएलआर सूखे पड़े है, वहीं, कहीं पानी की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त
है तो कहीं पाइप लाइन ही गायब हो गई।
रेत के समंदर में दूर-दूर तक छितराई ढाणियां, सिर पर मटका और पानी के लिए
मशक्कत करती महिलाएं, ऐसे नजारे थार के रेगिस्तान में ग्रामीण अंचलों में देखने को
मिल रहे है। गर्मी के साथ ही गांवों में जल संकट शुरू हो जाता है, ऐसे में पीने के
पानी के लिए सुबह से ही दौड़-भाग शुरू हो जाती है।दूर-दराज के जल स्रोतों से ऊंट
गाडा, ऊंट पर पखाल और सिर पर मटका लिए बच्चे और महिलाएं पानी के जुगाड़ में रहते
है।
900 स्थानों पर पेयजल संकट
जलदाय विभाग के मुताबिक जिले में 900 स्थानों पर पेयजल संकट है। जिसके लिए
कार्य योजना तैयार कर जलापूर्ति के प्रयास शुरू कर दिए है। जहां पेयजल संकट है उसके
लिए टैंकरों से जलापूर्ति की जाएगी। फिलहाल300 स्थानों पर टैंकरों से जलापूर्ति
शुरू की गई है।
शिव में गहराया पेयजल संकट
क्षेत्र में पेयजल संकट के कारण ग्रामीणों व पशुओं के हाल बेहाल है। लोगों को
दूर-दराज से पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। ग्राम पंचायत मुंगेरिया में
मेहरों की ढाणी, बाकोणियों की ढाणी, पनोणियों की ढाणी, रासारा तला, ग्राम पंचायत
धारवी कला के सवाईपुरा, लखासर, समेलोणीमेघवालों की ढाणी, गूंगा के मुरोणियों की
ढाणी, तुलछाणियों की ढाणी, डऊणियों की ढाणी, मेघवालों की ढाणी, इसी तरह राजडाल के
शरणार्थियों की बस्ती सहित कई गांवों में पेयजल संकट है। गूंगा सरपंच मुरारदान
बारहठ का कहना है कि कई साल से जीएलआर सूखे पड़े है, जिससे पानी नहीं आया है।
दूर-दराज से पानी का जुगाड़ करना पड़ रहा है।
प्रयास किए जा रहे हैं...
जिले में जहां भी पेयजल संकट की समस्या है, उसके लिए हाथों हाथ प्लान स्वीकृत
कर समाधान किए जा रहे है। हमनें जिलें में करीब 900 स्थानों को चिन्हित किया है,
जहां पेयजल की समस्या है। इन स्थानों पर टैंकरों से जलापूर्ति की जाएगी। कुछ
स्थानों पर जलापूर्ति हो रही है, जहां नहीं हुई वहां जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।
-ओ.पी व्यास, एसई, पीएचईडी, बाड़मेर
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