राजस्थान में "घिरे" वाड्रा, राजे सरकार की कार्रवाई का इंतजार



जयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की भागीदारी वाली कम्पनियों द्वारा राजस्थान में खरीदी गई जमीनों का मामला चुनावी मुद्दा तो खूब बना, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले में न जांच बैठाई और न कोई कार्रवाई की। यह मामला अभी भी सरकार के विचाराधीन ही है।

सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की भागीदारी वाली पांच रीयल स्टेट कम्पनियों ने बीकानेर जिले में ढाई हजार बीघा से ज्यादा जमीन खरीदी थी। यह जमीनें पिछली कांग्रेस सरकार के समय खरीदी गई और उसी दौरान 1124 बीघा जमीन बेची गई।

भाजपा ने आरोप लगाए थे कि पिछली सरकार ने बीकानेर में वाड्रा की भागीदारी वाली कम्पनियों को जमीनें खरीदने में मदद की और बाद में यहां सोलर प्रोजेक्ट की घोषणा कर दी। इससे यहां जमीनों के भाव बढ़ गए और इन कम्पनियों ने अच्छा मुनाफा कमाया।

 भाजपा ने यह मामला संसद में बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल के जरिए उठवाया था। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया था। इसे भाजपा के ब्लैक पेपर में भी शामिल किया गया था। 

लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा बना हुआ है। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद राजपा विधायक किरोड़ीलाल मीणा ने इस बारे में विधानसभा में एक प्रश्न लगाया था और इसके लिए राज्य सरकार ने सभी जिलों से जानकारी भी मंगवाई थी।

सूत्रों का कहना है कि यह पूरी जानकारी सरकार के पास आ चुकी है, लेकिन अभी तक इस मामले में सरकार स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कार्रवाई राजस्व और वित्त विभाग के अधीन पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग को करनी है।

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