बदल सकता है शिक्षक भर्ती का तरीका


जयपुर। राज्य सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती जिला परिषदों की बजाए एक बार फिर प्रदेश स्तर पर कराने पर विचार कर रही है। इसे पंचायत राज विभाग की 60 दिवसीय कार्ययोजना में शामिल किया जा सकता है।

कार्ययोजना में विभिन्न पदों की एक लाख से ज्यादा भर्तियों पर फोकस किया जा रहा है। रविवार को पंचायत राज मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने विभाग की बैठक लेकर कार्ययोजना का खाका तैयार किया।

भाजपा ने अपने पिछले कार्यकाल में 60 हजार से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग से कराई थी। ऎसा पहली बार हुआ था और इसके परिणाम अच्छे आए थे।

सरकार बदलने के बाद कांग्रेस ने इस पैटर्न को बदल दिया और पिछली सरकार में फिर जिला परिष्ादों के स्तर पर निजी एजेंसी के जरिए भर्ती की गई। इसकी कई शिकायतें सामने आई। भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए हमेशा इसका विरोध
किया था।

राज्य स्तर पर संभव
सूत्रों का कहना है कि सत्ता में आने के बाद अब भाजपा फिर से यह भर्ती राज्य स्तर पर करवा सकती है। हालांकि यह संभव है कि इस बार राजस्थान लोक सेवा आयोग की बजाए किसी और संस्था या एजेंसी को यह जिम्मा सौंपा जाए। रविवार को हुई बैठक में इस पर भी चर्चा हुई।

इसके अलावा विभाग के 11 सूत्रीय कार्यक्रमों के अन्तर्गत मिड-डे मील के तहत भोजन व्यवस्था से शिक्षकों को मुक्त करने, पंचायत राज संस्थाओं के तहत अन्य विभागों के कार्मिकों को लाने सहित विभिन्न मुद्दों को शामिल किया गया है। सोमवार को विभाग के इन मुद्दों को 60 दिवसीय कार्ययोजना के रूप में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पेश किया जाएगा।

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