सेना का पहला मामलाः लेफ्टिनेंट कर्नल ने 7 अन्य अफसरों पर दर्ज कराया उत्पीड़न का केस

जोधपुर - सेना की आर्टिलरी ब्रिगेड 56 एपीओ में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल अरुण कुमार ने दो ब्रिगेडियर, कर्नल व चार अन्य सैन्य अफसरों के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया है। सेना में यह पहला मामला है, जब बड़े अफसरों का विवाद पुलिस के पास पहुंचा है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है।
मुकदमा 19 दिसंबर को दर्ज हुआ। इससे सात दिन पहले ही सेना ने उच्चाधिकारियों के खिलाफ शिकायत किए पर अरुण कुमार कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश हुए हैं। चूंकि इस मामले में दो ब्रिगेडियर आरोपी हैं इसलिए वे पुलिस के समक्ष बयान तभी देंगे जब कोर्ट ऑफ इंक्वायरी पूरी हो जाएगी।
अरुण कुमार ने ऑटलरी ब्रिगेड के बिग्रेडियर कमांडर एके गांगुली, डिप्टी कमांडर ललित अग्निहोत्री, 212 रॉकेट रेजीमेंट के कर्नल रोहित झा, मिलिट्री अस्पताल के ब्रिगेडियर कमांडर वैशम पयान, मेडिकल ऑफिसर मेजर एसवी रेखा और मेजर गुरुमिंदर गिरी को आरोपी बनाया है।
32 साल देश सेवा के बाद मुझे मनोरोगी बताने में जुटी है सेना
(अरुण कुमार द्वारा कोर्ट में लगाई याचिका में आरोप)
मैं 32 साल से देश सेवा कर रहा हूं। लेकिन सेना के कुछ अफसर मेरी शिकायतों को नजरअंदाज कर मुझे ही मनोरोगी साबित करने पर तुले हैं। ब्रिगेडियर गांगुली ने मुझे धमकी दी थी कि शिकायतें की तो नौकरी से निकाल देंगे। आम्र्ड फोर्स मेडिकल सर्विस फॉर्म-10 का दुरुपयोग होने पर 2008 में डायरेक्टर ने प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन ब्रिगेडियर गांगुली ने गैरकानूनी तरीके से यह फॉर्म भराया और पहले नसीराबाद फिर 17 मई को जोधपुर के मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया और मनोरोगी का इलाज करवा कर प्रताड़ित किया।
डॉक्टर ने मुझे फिट बताया
मैंने जोधपुर पुलिस कमिश्नर से शिकायत की तो एमएच के डॉक्टरों ने फिट बता कर मुझे यूनिट भेज दिया।
सेना मुख्यालय को भेजी मामले की जानकारी
ले. कर्नल अरुण कुमार के खिलाफ इस माह के दूसरे सप्ताह में ही कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश हुए हैं। इसके बाद अरुण कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया है। हमने मुकदमे की जानकारी सेना मुख्यालय को भेज दी है, आर्मी अफसर ही आगे कार्रवाई करेंगे।  - कर्नल एसडी गोस्वामी, रक्षा प्रवक्ता, जोधपुर

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