मंडी में दस करोड़ का कारोबार 4 करोड़ पर पहुंचा,पेट्रोल-डीजल की बिक्री 90 फीसदी घटी, सोने-चांदी के भाव बढ़े, अपराध 75% कम

बाड़मेर. (लाखाराम जाखड़) शायद ही किसी ने ऐसी कभी कल्पना की होगी कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सामना करना होगा।  न तो ऐसा पहले कभी देखा और न ही कभी सुना है, जब देश में संपूर्ण शिक्षण संस्थान, कॉलेज, मंदिर-मस्जिद, रेल-बस, उड़ाने 30 दिन से बंद हो।
आज लॉकडाउन का एक माह पूरा हो रहा है। 22 मार्च के जनता कर्फ्यू से कोरोना के खिलाफ शुरू हुई इस जंग को 30 दिन पूरे हो गए। लोग घरों में है, सड़कें सुनसान है तो रेलवे, बस स्टैंड, बाजार, मॉल तालों में बंद है।  इस जंग को जीतने के लिए रणक्षेत्र की जरूरत नहीं है, बस घरों में रह कर ही जीतना है। बहुत जरूरी हो तभी बाहर निकले और सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखे। मुंह पर मास्क अनिवार्य रूप से लागू है। आज 22 अप्रैल है और लॉकडाउन लागू हुए आज एक माह पूरा हो रहा है, इसलिए लॉकडाउन में 30 दिन में आए बदलाव को लेकर पढ़े यह भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट...
स्कूल-कॉलेज, कोचिंग बंद, परीक्षाएं रद्द, भर्तियां अटकने से युवाओं की चिंता बढ़ी
कोरोना लॉकडाउन से कारोबार के साथ उन लाखों युवाओं को भी टेंशन में डाल दिया है, जो सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। अब लॉकडाउन में नौकरी के अवसर तलाशने वाले युवाओं की चिंता बढ़ गई है। भर्तियां अब तय समय पर नहीं होगी। सरकारी और निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर कम हो गए है, इससे बेरोजगारी बढ़ने को लेकर युवा चिंतित है। सालाें से तैयारियां में जुटे युवाओं के भविष्य पर एक बार ब्रेक सा लग गया। स्कूल-कॉलेज और कोचिंग भी बंद है।

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