बाड़मेर एन आर एच एम परियोजना में करोड़ों की हेराफेरी, सी बी आई जाँच की मांग..

सरकार ने बंद की प्लेसमेंट संस्थाए.. स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ झाला.. करोड़ों की हेराफेरी.. निरस्त प्लेसमेंट एजेंसी को करोड़ों का काम देने की तैयारी में है बाड़मेर का चिकित्सा विभाग.. 

-चंदनसिंह भाटी||
बाड़मेर, बाड़मेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में लम्बे समय से चल रहे भ्रष्टाचार के चलते न केवल सरकारी नियम ताक पर रखे जा रहे हैं बल्कि सरकार द्वारा निरस्त की गयी प्लेसमेंट संस्था को  अफसरों की मिली भगत से करोड़ों रुपयो का काम आवंटित किया गया हैं. जिसमे स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण स्वास्थ्य समिति के अनुबंधित कार्मिको की खुली मिली भगत शामिल हैं.
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा गत दिनों जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति के माध्यम से प्लेसमेंट संस्थाओ से निविदाए मांगी गयी. इसी विभाग में गत तीन सालो से अधिकारियो और कार्मिको की मिलीभगत से एक ऐसी संस्था को काम नियम ताक में रख कर दिया जा रहा था जिसका पंजीयन रोजगार सेवा निदेशालय द्वारा 2010 में निरस्त किया जा चूका. हैं चूँकि राज्य सरकार के आदेश के पश्चात नई रोजगार एजेंसियों का पंजीयन और पुरानी एजेंसियों नवीनीकरण पिछले डेढ़ साल से बंद हैं. ऐसे में फिल वक्त कोई रोजगार एजेंसी वैध नहीं ,हैं. मगर इन आर एच एम बाड़मेर के अधिकारियो और कार्मिको की मिलीभगत से एक ऐसी एजेंसी को  गत तीन साल से काम दिया जा रहा हैं, जिसका पंजीयन 2010 में समाप्त हो चुका है. इस एजेंसी ने रोजगार निदेशालय द्वारा जारी पंजीयन प्रमाण पत्र में कूटरचना के तहत पंजीयन वर्ष अवधि बढाकर 2018 कर फर्जी और काटछांट वाला प्रमाण पत्र पेश कर धोखाधड़ी से कार्मिको और अधिकारियो की मिलीभगत से कार्य आवंटन करा लिया. जबकि राज्य में मौजूदा समय में कोई रोजगार सेवा एजेंसी कार्यरत नहीं. इसी संस्था को विभागीय भ्रष्ट कार्मिको ने दो साल पूर्व लाखो रुपयो का कार्य बिना किसी निविदा के नियमो की धज्जिया उड़ा कर दिया था. इस संस्था से इन आर एच एम के कार्मिको और अनुबंधित अधिकारी की भागीदारी हैं. जिसके चलते एक ही एजेंसी को सारे नियम ताक में रख कार्य आवंटित किया जा रहे हैं.
गत तीन साल के इन आर एच एम कार्यो के भौतिक सत्यापन के साथ उच्च स्तरीय जाँच कराई जाए तो सारी पोल खुल के सामने आ जाएगी. इस आशय का एक ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज बाड़मेर एन आर एच एम परियोजना की जाँच सी बी आई से करने की मांग विभिन संगठनो ने की है.
रोजगार सेवा निदेशालय के अधिकारियो ने स्पष्ट किया हैं कि राज्य सरकार की प्लेसमेंट की नई पॉलिसी आने के बाद रोजगार एजेंसियों के पंजीकरण का कार्य नए सिरे से किया जायेगा. तब तक राज्य की समस्त रोजगार सेवा एजेंसिया निरस्त कर दी गयी हैं जिसकी जानकारी विभाग की वेबसाइट पर दर्ज हैं.

 

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